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श्रमिकों की मांगों को लेकर ज्वाइंट फोरम ने किया प्रदर्शन

दार्जिलिंग : पूर्व घोषणा के तहत मंगलवार को ज्वाइंट फोरम की ओर से स्थानीय श्रमायुक्त कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद समन पाठक ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया. प्रदर्शन से पहले बागान श्रमिकों के हितों को लेकर ज्वाइंट फोरम की ओर से […]

दार्जिलिंग : पूर्व घोषणा के तहत मंगलवार को ज्वाइंट फोरम की ओर से स्थानीय श्रमायुक्त कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद समन पाठक ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया. प्रदर्शन से पहले बागान श्रमिकों के हितों को लेकर ज्वाइंट फोरम की ओर से शहर में एक रैली भी निकाली गयी.
श्रमायुक्त कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए समन पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के भ्रमण पर आती रहती हैं, परंतु विभिन्न चाय बागानों में कार्यरत करीब साढ़े चार लाख श्रमिकों की चीख सुनायी नहीं देती है. श्रमिकों के हित में जल्द से जल्द न्यूनतम वेतनमान लागू करने की मांग की. धरना कार्यक्रम से पहले श्रमिकों ने एक रैली निकाली, जो शहर के लेबुंग कार्ड रोर्ड होते हुए सह श्रमायुक्त कार्यालय पहुंचकर सभा में तब्दील हो गयी.
सह श्रमायुक्त कार्यालय के आगे काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद ज्वाइंट फोरम के नेतागण कार्यालय प्रवेश किया और सह श्रमायुक्त सी शेर्पा ने बातचीत की. इस दौरान ज्वाइंट फोरम की ओर से चाय श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, राशन के लिए रूपया, घर और जमीन का पर्जा पट्टा देने आदि मांगों को लेकर ज्ञापन पत्र सौंपा. सह श्रमायुक्त से बातचीत के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए माकपा नेता एवं पूर्व सांसद समन पाठक ने कहा कि चाय श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की मांग को लेकर ज्वाइंट फोरम पिछले काफी दिनों से आंदोलन चला रहा है.
इस आंदोलन में करिब साढे चार लाख श्रमिक शामिल हैं, परन्तु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन श्रमिकों के बारे में कुछ नहीं कहा. अभी मुख्यमंत्री उत्तर बंगाल के भ्रमण पर हैं. इसके बावजूद भी उनकी खामोशी पर पाठक ने नाराजगी जतायी. हमारा आंदोलन सरकार के खिलाफ नहीं मालिक से है. ऐसी अवस्था में सरकार का दायित्व मध्यस्थ की होती है. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
वहीं फोरम के नेता अमर लामा ने कहा कि यह आंदोलन श्रमिकों की हितों को लेकर हो रहा है. लेकिन पहाड़ की सत्तारूढ़ पार्टी गोजमुमो इससे मुंह मोड़ रही है. श्रमिकों की जाति, धर्म, राजनीति रंग ऐसा कुछ भी नहीं होता. इसलिये श्रमिकों की हक और अधिकार के आंदोलन में मोर्चा को भी आगे आना चाहिये. गोरामुमो के नेता एवं ज्वाइंट फोरम के संयोजक जेवी तमांग ने किसी भी राजनीतिक दलों का नाम लिये बगैर कहा कि श्रमिकों के आंदोलन मामले में कुछ दल हाथ बांधकर तमाशा देख रही है.
इस तरह का कार्य बन्द करके श्रमिकों की आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया. क्रामाकपा के नेता एवं ज्वाइंट फोरम के प्रवक्ता सुनील राई ने कहा कि हमलोगों ने पूर्व घोषणा के अनुसार सह श्रमायुक्त कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने और ज्ञापन पत्र देने की घोषणा की गयी थी. उसी तहत ही विरोध प्रदर्शन किया गया है. आगामी 17 जुलाई को सिलीगुड़ी के उत्तरकन्या में हो रहे बैठक में साकारात्मक नहीं हुआ तो 23 से 25 जुलाई तक चाय के पैकेटों को रोका जायेगा.
24 और 25 जुलाई को दार्जिलिंग में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. कार्यक्रम में माकपा की ओर से समन पाठक, क्रामाकपा से केवी सुब्बा, सुनील राई, गोर्खालीग से लक्ष्मण प्रधान, जन आन्दोलन पार्टी से अमर लामा, गोरामुमो से जेवी तमांग आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम में समर्थकों की काफी भीड़ जमा थी.

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