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टीएमसी के कार्यकर्ता को रेप केस में बचा रही है पुलिस : बीजेपी

सिलीगुड़ी : जब आसाराम बापू, राम रहीम जैसे हस्तियों को दुष्कर्म के मामले में जेल की हवा खानी पड़ सकती है तो फिर बंगाल में सत्ताधारी दल का आरोपी कार्यकर्ता कैसे बच सकता है. यह सवाल खड़ा किया है भाजपा महिला मोर्चा के दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी जिला इकाई की अध्यक्ष माधवी मुखर्जी ने. उन्होंने शनिवार को भक्तिनगर […]

सिलीगुड़ी : जब आसाराम बापू, राम रहीम जैसे हस्तियों को दुष्कर्म के मामले में जेल की हवा खानी पड़ सकती है तो फिर बंगाल में सत्ताधारी दल का आरोपी कार्यकर्ता कैसे बच सकता है.
यह सवाल खड़ा किया है भाजपा महिला मोर्चा के दार्जिलिंग-सिलीगुड़ी जिला इकाई की अध्यक्ष माधवी मुखर्जी ने. उन्होंने शनिवार को भक्तिनगर थाना घेराव के दौरान पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाये. उन्होंने बताया कि भक्तिनगर थाना अंतर्गत फकदईबाड़ी इलाके के माझाबाड़ी की एक दिव्यांग युवती से दुष्कर्म कांड मामले का मुख्य आरोपी तृणमूल कार्यकर्ता रंजीत गोस्वामी उर्फ गोसाईं (52) है. पुलिस की ढिलाई के चलते उसे आसानी से जमानत मिल गयी है.
माधवी मुखर्जी ने कहा कि अदालत से रिहा होने के बाद आरोपी अब अपने पड़ोसी पीड़ित परिवार को धमकी दे रहा है. दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया है. उस बच्चे को बाप का नाम देने और इंसाफ के लिए पीड़िता व उसका पूरा परिवार दर-दर भटक रहा है. भाजपा महिला मोर्चा ने पीड़िता व परिवार को साथ लेकर थाना का घेराव किया और इंस्पेक्टर अनुपम मजूमदार को ज्ञापन भी सौंपा.
न चार्जशीट हुई, न 164 का बयान
माधवी मुखर्जी का कहना है कि आरोपी को जमानत मिलने की खास वजह है. इस घटना को लेकर बीते साल 28 अक्तूबर को भक्तिनगर थाना में दुष्कर्म का मामला दायर हुआ. पुलिस ने कांड संख्या 1000/2017 के तहत मामले की तफ्तीश शुरू की. मामले के जांच अधिकारी ने आरोपी को गिरफ्तार किया. लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी पुलिस ने जलपाईगुड़ी अदालत में चार्ज शीट दाखिल नहीं की. इसकी वजह से आरोपी को जमानत मिल गयी.
श्रीमत मुखर्जी का कहना है कि इतना ही नहीं धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता का भी बयान लिया जाता है, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया. दुष्कर्म के बाद पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया है, जो आज पांच महीने की है. अभी तक डीएनए टेस्ट भी नहीं कराया गया है. उन्होंने पीड़िता को इंसाफ देने के लिए पुलिस को निष्पक्ष तरीके करने को कहा. इंस्पेक्टर अनुपम मजूमदार ने निष्पक्ष जांच-पड़ताल का आश्वासन दिया है.
क्या कहना है पीड़िता का
पीड़िता का कहना है कि तकरीबन चौदह महीने पहले की घटना है. वह घर में अकेली थी. दिन के समय में गोसाईं उसके कमरे में आया और उससे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये. इसके बाद उसने कई बार शादी का प्रलोभन देकर संबंध बनाये. पीड़िता का कहना है कि आरोपी पहले से शादीशुदा है. इस बात गोसाईं ने उसे पहली बीबी को तलाक देकर उसके साथ ही घर-संसार करने का आश्वासन भी दिया था. जब उसके पेट में बच्चा पलने लगा और इसकी जानकारी उसे दी तो वह कन्नी काटने लगा. साथ ही घर पर भी आना बंद कर दिया.
पीड़िता का कहना है कि उसे अब अपने बच्चे को बाप का नाम और इंसाफ चाहिए. पीड़िता के घर में उसकी मां-पिता और एक भाई है. पीड़िता के अधेड़ बाप ने भी अपनी लाडली को इंसाफ दिलाने के लिए हर लड़ाई लड़ने की बात कही है. पीड़िता के साथ ही उसकी मां और भाई तीनों ही दिव्यांग हैं.

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