सिलीगुड़ी: सिलीगुडी नगर निगम के ठेका कर्मियों के भत्ते को लेकर पैदा हुआ संकट बढ गया है. मेयर पार्षद की बैठक में इस संबंध में किसी भी प्रकार के निर्णय पर अनुमोदन नहीं हो सका, जिसके कारण यह संकट और बढ गया है. नगरपालिका सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस संबंध में मेयर अपनी कुछ विशेष अधिकार का प्रयोग कर सकती है.
लेकिन अंतिम बोर्ड बैठक में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हुआ था और इसी कारण मेयर की विशेष अधिकार को लेकर निगम अधिकारी असमंजस में है.
इसलिये अब भी यह कहना कठिन है कि आगामी सात मई को भी ठेके पर नियुक्त दो हजार कर्मियों को भत्ता मिलेगा भी या नहीं. इसी बीच मेयर गंगोत्री दत्त ने कहा है कि निगम का काम करने वाले ठेका कर्मियों को कोई समस्या नहीं होगी? अभी समय बाकी है और समस्या का समाधान हो जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि योजनावद्ध तरीके से उनके बोर्ड को संकट में डालने का प्रयास शुरू हुआ है, जो दुखदायी है. ज्ञात हो कि निगम में ठेके पर काम करने के लिये करीब दो हजार अस्थायी कर्मी नियुक्त हैं, जिन्हें दैनिक हिसाब से भत्ता मिलता है. इनके भत्ते के लिये निगम को प्रतिमाह एक करोड़ बाईस लाख रुपये खर्च करने पड़ते है. प्रत्येक तीन माह के लिये मेयर पार्षदों की बैठक में इनके भत्ते को लेकर निर्णय पर अनुमोदन मिलता है.
बाद में बोर्ड मीटिंग में इस पर पूर्ण अनुमोदन होता है. पिछले मंगलवार को भी यह मामला बोर्ड मीटिंग में लाया गया था, लेकिन कांग्रेस बोर्ड इसे पास नहीं करा पायी थी.कम सदस्यों की उपस्थिति के कारण ऐसा हुआ था. इसके चलते अस्थायी कर्मियों के भत्ते का संकट पैदा हो गया है.जानकारों का मानना है कि मेयर अपनी विशेष क्षमता से निर्णय को लागू कर सकती है,पर बाद की मीटिंग में इसे बोर्ड से पारित कराना होगा जो अब संभव नहीं दिखता. क्योंकि पिछली बैठक में मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास लाया गया है, जिसके कारण उनकी संवैधानिक स्थिति को लेकर ही सवाल उठ रहे है.इस हालत में अस्थायी कर्मियों के भत्ते का संकट खत्म होगा या नहीं इसे लेकर संशय दिख रहा है.