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गोरखाओं के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा : विमल गुरुंग

सिलीगुड़ी : बीते दिनों हुए गोरखालैंड आंदोलन के समय से ही भूमिगत चल रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग गुरुवार को पहली बार मीडिया के जरिये सभी के सामने आये. उन्होंने दिल्ली में एक ठिकाने पर समाचार एजेंसी एएनआइ को कैमरे पर इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय गोरखाओं की पहचान और […]

सिलीगुड़ी : बीते दिनों हुए गोरखालैंड आंदोलन के समय से ही भूमिगत चल रहे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग गुरुवार को पहली बार मीडिया के जरिये सभी के सामने आये. उन्होंने दिल्ली में एक ठिकाने पर समाचार एजेंसी एएनआइ को कैमरे पर इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय गोरखाओं की पहचान और उसके हितों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा. यह संघर्ष संविधान के दायरे में रहेगा. उन्होंने अपने ऊपर लगे हिंसा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी स्वतंत्र एजेंसी से हर मामले की जांच के लिए तैयार हैं.

उल्लेखनीय है कि विमल गुरुंग को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही यह राहत मिल चुकी है कि पुलिस उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करे. अब आगामी 15 जनवरी को उनके मामले की फिर सुनवाई है. माना जा रहा है कि वह अदालत से पूर्ण राहत हासिल करके फिर से सार्वजनिक राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं. गुरुवार को सिलीगुड़ी से लेकर दार्जिलिंग तक यह चर्चा होती रही कि विमल गुरुंग दिल्ली में आत्मसमर्पण कर सकते हैं, पर ऐसी किसी योजना की पुष्टि किसी ने नहीं की.

श्री गुरुंग ने एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की, जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्होंने हमेशा कानून पर भरोसा किया और किसी भी स्वतंत्र जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. स्वतंत्र जांच एजेंसी से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच करायी जाये. उन्होंने कहा कि सच्चाई की जीत अवश्य होगी. बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार एक दिशाहीन सरकार है. गोरखा अलगाववादी नहीं हैं. हमारे शांतिप्रिय प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक व्यवहार किया गया. राज्य पुलिस की गोलबारी व हिंसक तरीकों की वजह से अबतक 11 गोरखाओं की जान जा चुकी है.
विमल गुरुंग ने कहा कि वह बहादुर गोरखाओं की पहचान व जीवन के लिए शांति के साथ अभियान को जारी रखेंगे. उन्होंने गोरखाओं से धैर्य बनाये रखने की अपील की है. विमल गुरुंग ने कहा कि बंगाल के लोग हमारे भाई-बहन हैं. बंगाल के लोगों से हमारा कोई विरोध नहीं है. हमारी मांग संवैधानिक है. उन्होंने कहा कि हम भारत के अंग थे और रहेंगे. अंत में उन्होंने सभी देशवासियों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं. साथ ही आंदोलन की मुश्किल घड़ी में साथ देने के लिए उन्होंने देशभर के गोरखाओं को धन्यवाद दिया.
भूमिगत मोर्चा प्रमुख आये सामने, मीडिया से की बात
संवैधानिक दायरे में रहकर आवाज उठाता रहूंगा
स्वतंत्र जांच एजेंसी से हर जांच को तैयार हूं
न्यायपालिक में विश्वास, अंत में सच जीतेगा

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