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अधर में लटका सिलीगुड़ी का पासपोर्ट सेवा केंद्र

सिलीगुड़ी: केंद्र व राज्य सरकार के बीच तनातनी से सिलीगुड़ी में पासपोर्ट सेवा केंद्र अधर में लटक कर रह गया है. पिछले दो वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन नहीं हो पाया है. पिछले छह महीने से बन कर तैयार सिलीगुड़ी पासपोर्ट सेवा केंद्र का कार्यालय बस एक फीता कटने के इंतजार में है. […]

सिलीगुड़ी: केंद्र व राज्य सरकार के बीच तनातनी से सिलीगुड़ी में पासपोर्ट सेवा केंद्र अधर में लटक कर रह गया है. पिछले दो वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन नहीं हो पाया है. पिछले छह महीने से बन कर तैयार सिलीगुड़ी पासपोर्ट सेवा केंद्र का कार्यालय बस एक फीता कटने के इंतजार में है. आलम यह है कि केंद्र सरकार 72 हजार रूपए प्रति माह के हिसाब से बेवह किराया दे रही है. बिजली, सुरक्षा कर्मचारी, रखरखाव व अन्य खर्चों को छोड़कर पिछले एक वर्ष में करीब 90 लाख रूपए का किराया दिया जा चुका है. कार्यालय का उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन रोजाना करीब पांच लोग कार्यालय का चक्कर काट जाते हैं.
पिछले कुछ वर्षों में सिलीगुड़ी शहर का कायापलट हो गया है. पश्चिम बंगाल में यह शहर इतना महत्वपूर्ण हो गया कि राज्य सरकार ने दूसरे सचिवालय उत्तरकन्या का गठन कर दिया . यहां मुख्यमंत्री बीच-बीच में आती रहती है. यहां राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी होती है. एशियाई देश नेपाल,बांग्लादेश,भूटान को भारत से जोड़ने के एशियन हाइवे भी शहर से होकर गुजर रही है. राज्य व केंद्र सरकार के प्रत्येक विभाग का कार्यालय शहर या आस-पास के इलाकों में है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सत्ता में आते ही सिलीगुड़ी पुलिस को मेट्रोपोलिटन पुलिस कमिश्नरेट में तब्दील कर दिया. अब तो सिलीगुड़ी जिला अदालत को मेट्रोपोलिटन अदालत में तब्दील करने की मांग भी उठ रही है. साथ ही सिलीगुड़ी को एक अलग जिला बनाने की मांग ने भी जोर पकड़ा है. इतना सब कुछ होने के बाद भी सिर्फ पासपोर्ट बनाने के लिये शहर के लोगों को कोलकाता या पड़ोसी राज्य सिक्किम का रूख करना पड़ता है.
गौरतलब है कि आज से करीब चार वर्ष पहले तक सिलीगुड़ी शहर के हिलकार्ट रोड पर सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके में पासपोर्ट आवेदन केंद्र था. पासपोर्ट बनाने के लिये इस कार्यालय के मार्फत लोग आवेदन करते थे. फिर जांच व अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए आवेदकों को कोलकाता या सिक्किम जाना पड़ता था. वर्ष 2013 के 1 अप्रैल को विदेश मंत्रालय ने इस आवेदन केंद्र को भी बंद कर दिया. इस केंद्र के बंद होते ही पासपोर्ट कार्यालय खोलने की मांग उठने लगी. पासपोर्ट आवेदन केंद्र बंद करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन हुआ और ज्ञापन भी विदेश मंत्रालय को दिये गए. पासपोर्ट कार्यालय को लेकर काफी हंगामे के बाद दार्जिलिंग के सांसद सुरेंद्र सिंह अहलुवालिया ने सिलीगुड़ी में पूर्ण पासपोर्ट सेवा केंद्र बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद विदेश मंत्रालय ने राज्य सरकार से पासपोर्ट कार्यालय के लिए जमीन की मांग की. राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) को सौंप दी. काफी तानेबाने के बाद विदेश मंत्रालय की सहमति पर एसजेडीए ने सिलीगुड़ी के निकट हिमाचल विहार में किराये का कार्यालय तय किया. बिजली, रखरखाव व अन्य खर्चे छोड़कर प्रत्येक महीने कार्यालय का किराया 72 हजार रूपए है.

कार्यालय के इंटीरियर्स का काम भी विदेश मंत्रालय ने एसजेडीए को सौंपा. पिछले छह महीने से पूरी तरह से बन कर तैयार पासपोर्ट सेवा केंद्र उद्घाटन के इंतजार में है. पिछले एक वर्ष में 90 लाख रूपए के करीब सिर्फ किराया दिया जा चुका है. मिली जानकारी के अनुसार आज से ठीक पांच महीना पहले अप्रैल में कार्यालय के इंटीरियर का काम समाप्त कर एसजेडीए ने कार्यालय विदेश मंत्रालय को सौंप दिया. बीते 17 अप्रैल को विदेश मंत्रालय ने इस कार्यालय का उद्घाटन करने का निर्णय लिया. पासपोर्ट सेवा केंद्र के उद्घाटन की खबरें भी छपी थी.

आमंत्रण पत्र तक छप चुका था. उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री वी.के सिंह, केंद्रीय मंत्री तथा दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया और राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव उपस्थित होने वाले थे. तभी पहाड़ पर नगरपालिका चुनाव की घोषणा हो गयी. चुनाव की घोषणा होते ही तत्काल उद्घाटन समारोह स्थगित कर दिया गया. जो आज भी स्थगित है. कार्यालय का उद्घाटन नहीं हुआ है लेकिन पासपोर्ट बनाने व संबंधित अन्य कार्यों के लिये शहर व आस-पास के इलाकों के नागरिक कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. पासपोर्ट जांच के लिए सिलीगुड़ी के मल्लागुड़ी निवासी राकेश महतो भी हिमाचल विहार स्थित पासपोर्ट कार्यालय पहुंचै. उन्होंने बताया कि वे पिछले सात वर्षों से अरब देश में रह रहे हैं.

अब वे सिंगापुर जाने की ताक में है. जिसके लिए उनके पासपोर्ट की जांच होगी. उसी सिलसिले में वे इस कार्यालय तक पहुंचे. लेकिन कार्यालय बंद होने की वजह से उन्हें कोलकाता जाना होगा.
क्या कहते हैं राज्य के पर्यटन मंत्री
इस संबंध में राज्य के पर्यटनमंत्री गौतम देव ने कहा कि पासपोर्ट सोवा केंद्र कार्यालय के इंटीरियर का काम समाप्त कर विदेश मंत्रालय को सौंपा जा चुका है. उद्घाटन की जिम्मेदारी केंद्र की है. पहाड़ पर चुनाव की वजह से पिछली बार समारोह स्थिगित किया गया था. लेकिन उसके बाद से विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा केंद्र के उद्घाटन को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री व दार्जिलिंग के सांसद एसएस अहलुवालिया से संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.

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