जीएमसीसी गोरखालैंड से कम के लिए राजी नहीं है. दार्जिलिंग के सांसद व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया की पहल पर गृहमंत्री ने बैठक बुलायी. इसमें जीएमसीसी के घटक दल गोजमुमो के कल्यान देवान, त्रिलोकचंद्र रोका, स्वराज थापा, जीएनएलएफ के अरुण घतानी, गोरखालैंड राज्य निर्माण मोर्चा के दावा पाखरिन उपस्थित थे. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में श्री अहलुवालिया भी मौजूद थे.
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दिल्ली में गोरखालैंड मुद्दे पर बैठक रही बेनतीजा
सिलीगुड़ी. अलग राज्य गोरखालैंड को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलायी बैठक बेनतीजा रही. गोरखालैंड मूवमेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) ने बैठक से वॉकआउट कर दिया. रविवार को बैठक में भी किसी भी प्रकार का निष्कर्ष नहीं निकलने से पहाड़ पर बंद आगे भी जारी रहने के आसार है. फिर से बात त्रिपक्षीय वार्ता पर […]
सिलीगुड़ी. अलग राज्य गोरखालैंड को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलायी बैठक बेनतीजा रही. गोरखालैंड मूवमेंट कोऑर्डिनेशन कमेटी (जीएमसीसी) ने बैठक से वॉकआउट कर दिया. रविवार को बैठक में भी किसी भी प्रकार का निष्कर्ष नहीं निकलने से पहाड़ पर बंद आगे भी जारी रहने के आसार है. फिर से बात त्रिपक्षीय वार्ता पर ही आकर अटक गयी है.
जीएमसीसी की ओर से कल्याण देवान ने अलग राज्य गोरखालैंड से संबंधित एक ज्ञापन गृहमंत्री को सौंपा. साथ ही अलग राज्य के समर्थन में अपना पक्ष रखा. जीएमसीसी का पक्ष सुनने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अलग राज्य की मांग संवैधानिक जरूर है, लेकिन एक प्रक्रिया तहत होना चाहिए. इसके लिए पहले राज्य सरकार के साथ विचार-विमर्श किया जाना चाहिए. श्री सिंह ने जीएमसीसी से पहाड़ पर जारी बंद और आमरन अनशन को तत्काल वापस लेने की अपील की है. उन्होंने जल्द त्रिपक्षीय वार्ता के जरिए समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है. दिल्ली से उक्त जानकारी कल्यान देवान ने दी है.
श्री देवान ने फोन पर आगे बताया कि अगले दो दिनो में जीएमसीसी एक बैठक करेगी. पहाड़ की अन्य राजनीतिक पार्टियों की राय ली जायेगी. इसके बाद आगे की रणनीति सुनिश्चित किया जायेगा. फिलहाल पहाड़ पर आंदोलन जारी रहेगा.
जाप, गोरखा लीग को नहीं ले जाया गया दिल्ली: कालिम्पोंग. गोरखालैंड आंदोलन में एकजुट हुए पहाड़ के राजनीतिक दलों में दरार बढ़ती दिख रही है. शायद यही वजह है कि जन आंदोलन पार्टी (जाप) और गोरखा लीग को दिल्ली नहीं ले जाया गया. जाप अध्यक्ष हर्क बहादुर छेत्री ने कहा कि हम जीएमसीसी से लिखित रूप से इसकी वजह पूछेंगे. गोरखा लीग के महासचिव प्रताप खाती ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह गोरखालैंड पाने के लक्षण नहीं हैं.
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