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जाम से एलपीजी सेवा पर असर, इंडेन ने रानीगंज प्लांट की बढ़ायी क्षमता

सिलीगुड़ी. उत्तर दिनाजपुर जिले के दालखोला में सड़क जाम की वजह से पूरे उत्तर बंगाल में रसोई गैस एलपीजी की आपूर्ति प्रभावित होती है. कई बार बरौनी तथा हल्दिया से एलपीजी लानेवाली गाड़ियां जाम में फंस जाती है. इस समस्या से निपटने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अधीन इंडेन ने अपने रानीनगर बॉटलिंग प्लांट […]

सिलीगुड़ी. उत्तर दिनाजपुर जिले के दालखोला में सड़क जाम की वजह से पूरे उत्तर बंगाल में रसोई गैस एलपीजी की आपूर्ति प्रभावित होती है. कई बार बरौनी तथा हल्दिया से एलपीजी लानेवाली गाड़ियां जाम में फंस जाती है. इस समस्या से निपटने के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अधीन इंडेन ने अपने रानीनगर बॉटलिंग प्लांट की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है. यह जानकारी कंपनी के कॉरपोरेटे कम्यूनिकेशन के डीजीएम आलोक सिंह ने दी. वह अपने रानीनगर प्लांट में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.

इस मौके पर प्लांट मैनेजर तथा डीजीएम पीके सरकार, बी सोरेन तथा शशी चौधरी भी उपस्थित थे. श्री सिंह ने कहा कि रानीनगर में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की स्थापना वर्ष 2000 में हुई और तब से लेकर अब तक इस प्लांट की क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. यहां न केवल घरेलू एलपीजी सिलिंडर बल्कि औद्योगिक जरूरतों के लिए भी एलपीजी सिलिंडर की रीफिलिंग होती है. अभी यहां साढ़े 14 किलो तथा 47.5 किलो के सिलिंडर भरे जाते है.
आने वाले दिनों में 450 केजी के सिलिंडर भी यहीं भरे जायेंगे. इसके लिए यहां सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी है. उन्होंने कहा कि इसी प्लांट से न केवल उत्तर बंगाल बल्कि पड़ोसी राज्य सिक्किम के साथ ही भूटान तथा नेपाल के भी कुछ इलाकों में एलपीजी की आपूर्ति की जाती है. स्वाभाविक है इतने बड़े क्षेत्र में एलपीजी की मांग काफी अधिक है. यदि दालखोला में जाम में गाड़ी फंसती है तो इसका सीधा असर आपूर्ति पर पड़ता है. इसी समस्या से निपटने के लिए 24 करोड़ रुपये निवेश कर इस प्लांट की स्टोरेज क्षमता बढ़ायी जा रही है.

अभी यहां स्टोरेज क्षमता 1850 मीट्रिक टन गैस की है. जिसे बढ़ा कर 3050 मीट्रिक टन करने की है. 1250 मीट्रिक टन क्षमता आने वाले दिनों में बढ़ाये जायेंगे. श्री सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान में यहां गैस का जितना स्टोरेज है, वह करीब साढ़े चार दिनों तक चल सकता है. स्टोरेज क्षमता बढ़ जाने के बाद यह आंकड़ा करीब साढ़े सात दिन हो जाने की संभावना है. रानीनगर प्लांट में मुख्य रूप से बरौनी तथा हल्दिया से एलपीजी की गाड़ियां मंगवायी जाती है. उन्होंने आगे कहा कि क्षमता बढ़ाने के साथ साथ इस प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिये जा रहे है. यहां की अग्निशमन व्यवस्था विश्वस्तरीय है.

पूरा सिस्टम ऑटोमेटिक है. इसके अलावा सुरक्षा के दृष्टकोण से 50 नये सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी निर्णय लिया गया है. 58 एकड़ में फैले इस प्लांट में फिलहाल 18 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. 50 नये कैमरे लगने के बाद इसकी संख्या 68 हो जायेगी. सुरक्षा को लेकर कंपनी कोई कोताही नहीं बरत सकती. विश्व स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की वजह से ही इस प्लांट को इंटरनेशनल सेफ्टी अवार्ड मिल चुका है.
राज्य में उज्ज्वला योजना बेहद सफल
इस मौके पर इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक रंजन कुमार महापात्र ने बताया कि पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बेहद सफल है. इस योजना को लागू करने में उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल का दूसरा स्थान है. जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीपीएल परिवार की महिलाओं को मुफ्त में रसोई गैस देने की योजना शुरू की है तब से लेकर अब तक पश्चिम बंगाल में 39 लाख नये कनेक्शन दिये गये है. इनमें इंडेन के एलपीजी कनेक्शन की संख्या करीब 20 लाख हे. प्रधानमंत्री की योजना अगले तीन सालों में उज्ज्वला योजना के तहत 500 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन देने की है.
दार्जलिंग में आपूर्ति सामान्य
श्री महापात्र ने आगे कहा कि गोरखालैंड आंदोलन की वजह से दार्जलिंग पर्वतीय क्षेत्र में रसोई गैस की आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं हो रही है. पहाड़ पर इनदिनों नये राज्य की मांग को लेकर बेमियादी बंद चल रहा है. श्री महापात्र ने कहा कि बेमियादी बंद शुरू होने के कुछ दिनों तक पहाड़ पर रसोई गैस की आपूर्ति में परेशानी हुई थी.

पुलिस के साथ-साथ आम लोग भी एलपीजी सिलिंडर लदी गाड़ियों को रोकते थे. अब यह परेशानी नहीं है. इसके साथ ही डिजल एवं पेट्रोल का भी पहाड़ पर पर्याप्त स्टॉक है. एक बार बंद खत्म हो जाए तो तेल की आपूर्ति में भी कोई परेशानी नहीं होगी.

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