केन्द्र सरकार अपनी नजर गोरखालैंड आंदोलन पर बनाये हुए है. यह सच है कि गोरखाओं को अपनी पहचान अभी तक नहीं मिली है. दार्जिलिंग के गोरखा देश के किसी भी जगह पर जाते हैं तो उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. किसी के पूछने पर जब यहलोग पश्चिम बंगाल के होने का कहते हैं तो कोई भरोसा नहीं करता है.
पर्यटन मंत्री गौतम देव पर आरोप लगाते हुए कहा कि गोरखालैंड आंदोलन भाजपा या गोजमुमो का नहीं है, बल्कि यह आंदोलन गोरखाओं का है. उन्होंने गौतम देव के आंदोलन को भाजपा तथा गोजमुमो के उसकावे के आरोप का भी खंडन किया. देश की सुरक्षा हो या देश की आजादी गोरखाओं ने अपने जान पर खेल कर देश की रक्षा की है. राष्ट्रीय जनांदोलन मोरचा द्वारा 15 जुलाई को गोरखालैंड आंदोलन पर एक रिपोर्ट गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा पीएमओ ऑफिस को दिया जायेगा. फैसल अहमद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के बढ़ते जनाधार से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डर गई हैं, इसलिए बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को डराया जा रहा है. उनके डराने से भाजपा डरने वाली नहीं है और न कार्यकर्ता डरने वाले हैं.