सिलीगुड़ी: सिक्किम की लाइफ लाइन माने जानेवाली मुख्य सड़क नेशनल हाइवे (एनएच-10) इन दिनों गोरखालैंड आंदोलन के भेंट चढ़ गया है. दार्जीलिंग जिला अंतर्गत पड़नेवाले एनएच-10 पर पिछले दिनों आंदोलनकारियों द्वारा किये गये हिंसक आंदोलन और उस रुट से सिक्किम की ओर जानेवाली वेस्ट बंगाल नंबर के टूरिस्ट टैक्सियों व अन्य वाहनों में तोड़-फोड़ करने […]
सिलीगुड़ी: सिक्किम की लाइफ लाइन माने जानेवाली मुख्य सड़क नेशनल हाइवे (एनएच-10) इन दिनों गोरखालैंड आंदोलन के भेंट चढ़ गया है. दार्जीलिंग जिला अंतर्गत पड़नेवाले एनएच-10 पर पिछले दिनों आंदोलनकारियों द्वारा किये गये हिंसक आंदोलन और उस रुट से सिक्किम की ओर जानेवाली वेस्ट बंगाल नंबर के टूरिस्ट टैक्सियों व अन्य वाहनों में तोड़-फोड़ करने और आग लगाने की घटना हुयी थी. आंदोलनकारियों ने सिक्किम की ओर जानेवाली वेस्ट बंगाल नंबर की गाड़ियों पर पाबंदी लगा दी थी.
जवाबी कार्रवायी में वेस्ट बंगाल नंबर के टैक्सी व अन्य वाहनों के मालिक व चालक शुक्रवार को सिलीगुड़ी में लामबंद हुए और सिलीगुड़ी व इसके आसपास से सिक्किम की ओर जानेवाली सभी सिक्किम नंबरों की टैक्सियों,यहां तक कि सिक्किम राजकीय परिवहन (एसएनटी) बसों व अन्य वाहनों का चक्का जाम कर दिया था. परिणाम स्वरुप आज से अनिश्चितकाल के लिए एनएच-10 पर सिक्किम नंबरों के वाहनों की आवाजाही भी बंद कर दी गयी.
सिक्किम में फंसे देशी-विदेशी सैलानियों को लेकर ही एसएनटी की बसें केवल दोपहर तक ही सिलीगुड़ी लौटी. सिलीगुड़ी से सिक्किम नंबर के टैक्सी ही नहीं बल्कि एसएनटी की बसें भी सिक्किम नहीं गयी. कल सिलीगुड़ी में विभिन्न जगहों और सिलीगुड़ी जंक्शन के सामने स्थित एसएनटी के डिपो में आंदोलनकारियों द्वारा किये गये उग्र प्रदर्शन के बाद सैलानियों के सुरक्षा और सुख-सुविधा के मद्देनजर सिक्किम सरकार के निर्देश पर एसएनटी प्रबंधन ने स्थिति सामान्य न होने तक अनिश्चितकाल के लिए एनएच-10 होकर सिलीगुड़ी से सिक्किम जाने के लिए एसएनटी बसों पर रोक लगा दी है.
सिलीगुड़ी में टैक्सी मालिकों और चालकों की घेराबंदी के बाद सिक्किम सरकार ने आज से अनिश्चितकाल तक के लिए एसएनटी बसों नहीं चलाने का निर्देश जारी किया है. सरकार के इस फैसले के बाद सिलीगुड़ी के एसएनटी बस डिपो के मुख्य गेट के सामने आज दिनभर ताला लटका रहा. डिपो से एक भी बस सिक्किम के लिए रवाना नहीं हुई. सिक्किम से सैलानियों को लेकर आनेवाली कुछ बसें एसएनटी डिपों में आयी, लेकिन अधिकांश बसे सैलानियों को सिलीगुड़ी से सटे सालूगाड़ा में ही उतारकर वापस सिक्किम के लिए रवाना हो गयी. हालांकि पूरे घटनाक्रम को लेकर आज भी सिक्किम सरकार के नेता-मंत्री और अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी टिप्पणी करने से कतरा रहे हैं. वहीं, आज से सिलीगुड़ी से सिक्किम के लिए कोई भी वाहन न होने से सैलानियों को दिनभर बेहाल होना पड़ा.
बेहाल सैलानियों की कहानी, उनकी जुबानी: सिक्किम घूमने के लिए सिलीगुड़ी के एसएनटी के सामने आज भी सुबह से देशी-विदेशी सैलानियों का तांता लगा रहा. देश के विभिन्न जगहों से सिक्किम जाने के लिए सैलानियों का सिलीगुड़ी में आगमन लगातार जारी है.अब सैलानी सिक्किम जाने के लिए बेहाल हो रहे हैं. राजस्थान से आये सैलानियों के एक ग्रुप के प्रतिनिधि नरेंद्र बर्मा का कहना है कि बच्चों की गरमी की छुट्टी में वह अपने परिवार के साथ प्रत्येक वर्ष ही देश भ्रमण पर निकलते हैं. इस बार बच्चों और परिवार के साथ दार्जीलिंग व सिक्किम घूमने की योजना थी. दार्जीलिंग में हिंसक आंदोलन की पहले से ही खबर मिल जाने के बाद हमने केवल सिक्किम घूमने की योजना बनायी थी और सिक्किम में शांत माहौल का खबर लेकर ही हम सभी राजस्थान से सिलीगुड़ी के लिए रवाना हुए. श्री बर्मा का कहना है कि हम सभी आज सुबह ही रेलमार्ग से न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचे. इस बीच हमें आंदोलन के गतिविधि को कोई खबर ही नहीं थी. उनका कहना है कि सिक्किम घूमने के लिए उन लोगों ने गंगटोक और नाम्ची में कई दिन पहले ही होटलों में ऑनलाइन बुकिंग करवा रखी है. ऐसा ही कुछ कहना है उत्तर प्रदेश से आये सैलानियों के एक ग्रुप का. उत्तर प्रदेश निवासी एके गौतम का कहना है कि कहीं भी आनेजाने के लिए पहले से ही योजनाएं तय कर लेनी पड़ती है. यहां तक की आनेजाने, ठहरने और होटलों की बुकिंग के पीछे पहले ही लाखों रूपये खर्च हो जाते हैं. अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए आंदोलनकारियों के साथ-साथ सरकार को भी पर्यटकों का विशेष ख्याल रखना चाहिए.
पर्यटकों ने सरकार को भी फटकारा ः वहीं, सिलीगुड़ी की रहनेवाली एक गहवधू वीणा मोर ने भी पहाड़ के आंदोलन को लेकर आंदोलनकारियों के साथ-साथ सरकार को भी खूब लताड़ लगायी. उनका कहना है कि लाखों रूपये खर्च कर सैलानी यहां आते हैं और बाद में आंदोलन का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. श्रीमती मोर ने बतायी कि दिल्ली से उनकी सहेली अनिता और लड़का अरणभ दो दिन से उनके यहां ठहरे हुए हैं. सिक्किम घूमने के लिए उनलोगों ने पहले ही ऑनलाइन बुकिंग करा रखी है.
टूर ऑपरेटरों ने दी चेतावनी ः सिक्किम को भारत के अन्य राज्यों से जोड़नेवाली मुख्य सड़क एनएच-10 पर वेस्ट बंगाल नंबर के सभी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के बाद टूर ऑपरेटरों व टैक्सी मालिकों की ओर से गोरखालैंड आंदोलनकारियों और सिक्किम नंबरों के वाहनों को कड़ी चेतावनी दी गयी है. टूर ऑपरेटरों का संगठन इस्टर्न हिमालय ट्रैवल्स एंड टूर ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन (एथवा) के सचिव संदीपन बोस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि किसी भी हाइवे को बंद करना या हाइवे पर किसी तरह का आंदोलन और प्रदर्शन करना पूरी तरह गैरकानूनी है. लेकिन सिक्किम के एक मात्र लाइफ लाइन एनएच-10 पर इन दिनों गोरखालैंड आंदोलनकारी हिंसक आंदोलन कर हाइवे बंद कर रहे हैं और वेस्ट बंगाल नंबर के टैक्सी व अन्य वाहनों के परिचालन पर रोक लगा रहे हैं. जबकि सिक्किम नंबर के टैक्सी व अन्य वाहन बेरोक-टोक आवागमन कर रहे हैं. बीते चार-पांच दिनों में आंदोलनकारियों ने वेस्ट बंगाल नंबर के कई टूरिस्ट टैक्सियों में तोड़फोड़ कर आग भी लगा दी है. उनका कहना है कि एनएच-10 पर हिंसक प्रदर्शन पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अवहेलना है. श्री बोस ने आंदोलनकारियों को चेतावनी दी है कि जब-तक एनएच-10 पर केवल सिक्किम नंबर ही नहीं बल्कि देश के हर राज्य के नंबर वाले वाहनों का आवागमन शुरु नहीं किया जाता है और हाइवे को सामान्य व सुरक्षित नहीं किया जाता है तब-तक सिलीगुड़ी से सिक्किम नंबरों के टैक्सी, एसएनटी बस व अन्य किसी भी वाहनों का परिचालन नहीं करने दिया जायेगा.
क्या कहना है एसएनटी अधिकारी का: सिलीगुड़ी में एसएनटी डिपो में कार्यरत एडिसनल जेनरल मैनेजर एचएल लामीचेनी का कहना है कि कल यहां हुए आंदोलन और उनकी मांगों को सिक्किम सरकार को आज अवगत करा दिया गया है. सरकार के फैसले के बाद ही आज से अनिश्चितकाल के लिए सिलीगुड़ी से सिक्किम के लिए अनिश्चतकाल के लिए एसएनटी बसों पर रोक लगा दी गयी है. लेकिन कुछ सैलानियों को लेकर आज दोपहर के बारह बजे तक कुछ बसे सिक्किम से सिलीगुड़ी आयी. कुल कितनी बसे और सैलानी सिक्किम से सिलीगुड़ी पहुंचे इसका सही आंकड़ा उनके पास नहीं है.