कोलकाता: वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) को लेकर फिर केंद्र व पश्चिम बंगाल सरकार में ठन गयी है. केंद्र सरकार पूरे देश में आगामी एक जुलाई से जीएसटी लागू करना चाहती है, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार फिलहाल जीएसटी को यहां लागू करने के पक्ष में नहीं है. केंद्र सरकार की जीएसटी व्यवस्था के वर्तमान प्रारूप के अनुसार इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार ने जीएसटी के प्रावधानों में कई संशोधन करने के सुझाव दिये हैं. बिना संशोधन किये जीएसटी को बंगाल में लागू करना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने दक्षिण 24 परगना जिले के पैलान में प्रशासनिक बैठक की. बैठक के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जीएसटी समाज के सभी वर्ग के लोगों के अनुकूल होनी चाहिए. इसलिए राज्य सरकार की ओर केंद्रीय वित्त मंत्री को जीएसटी के वर्तमान प्रारूप में संशोधन करने के लिए पत्र लिखा जायेगा. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री को कड़े शब्दों में पत्र देकर सूचित किया जायेगा कि जीएसटी के वर्तमान प्रारूप को पश्चिम बंगाल सरकार लागू नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि जीएसटी का वर्तमान प्रारूप सभी वर्ग के लोगों के लिए अनुकूल नहीं है, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए. केंद्र सरकार को इसमें संशोधन करना होगा. इस संबंध में राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा ने कहा कि उन्होंने पहले ही जीएसटी की कर दर को लेकर आवाज उठायी है. कर दर में संशोधन किये बिना जीएसटी लागू करने से राज्य की अर्थव्यवस्था व रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. श्री मित्रा ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत जब तक कर दरों को कम नहीं किया जाता, तब तक पश्चिम बंगाल सरकार का संघर्ष जारी रहेगा.
जीएसटी काउंसिल की बैठक आज
सोने, कपड़े और बिस्कुट आदि पर तय होंगी दरें
नयी दिल्ली. जीएसटी परिषद की बैठक शनिवार को होगी, जिसमें सोने, कपड़े, बिस्कुट सहित छह जिंसों के लिए दरें तय होंगी. केंद्र व राज्य सरकारें इस नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने की तैयारियों में जुटी हैं. इस बैठक में कुछ वस्तुओं पर कर दरों की समीक्षा भी हो सकती है. बैठक में जीएसटी के लागू होने के बाद फॉर्म के प्रारूप के लिए नियमों को भी मंजूरी दी जा सकती है.