वहीं लोक गायिका खिदमत फकीर, भारत में लोक थियेटर के छपल भादुड़ी, बाउल विशेषज्ञ लक्षमण दास बाउल, बांग्लादेशी गायिका रिजवाना चौधरी बोन्या व लिवर फाउंडेशन के सचिव डॉ अभिजीत चौधरी को राज्य के दूसरे सर्वोच्च पुरस्कार बंगभूषण प्रदान किया गया. 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगविभूषण व बंगभूषण पुरस्कार की शुरुआत की थी. कला, संगीत, खेल, मनोरंजन, साहित्य समेत विभिन्न क्षेत्रों में जबरदस्त योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है. आज ही के दिन 2011 में मां, माटी, मानुष की सरकार आयी थी. यह दिन हमारे लिए बेहद यादगार है. बंगाल में क्या नहीं है. बंगाल ही दुनिया को रास्ता दिखाता है. बंगाल सबको साथ लेकर चलता है. इस धरती पर जन्म लेकर मैं अपने आपको गर्वित महसूस करती हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें रास्ता दिखाइये. अगर किसी में गलती हो जाये तो हमारी आलोचना करें, लेकिन हमें गलत न समझें. आइये हम सब मिल कर एक सुंदर विकसित बंगाल बनायें. सर उठा कर चलें. बंगाल को दुनिया में सबसे आगे ले जायें.
बेहतर व विकसित बंगाल की रचना करने की अपनी शपथ दोहराते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि हमारा संकल्प आपको बेहतर आैर बेहतर सेवा प्रदान करना आैर बंगाल को नंबर वन बनाना है. गौरतलब है कि एक जनवरी 1998 को ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस का गठन किया था. गठन के मात्र 13 वर्षों के बाद ही तृणमूल कांग्रेस ने 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में 34 वर्ष पुराने वाम मोरचा शासन को उखाड़ फेंका आैर राज्य में परिवर्तन की लहर पर सवार होकर सत्ता पर कब्जा जमा लिया. पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 20 मई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर एक नये दौर की शुरुआत की. 2016 में विधानसभा चुुनाव में तृणमूल ने फिर से बाजी मारी आैर लगातार दूसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता में शानदार वापसी की.