साथ ही भांगड़ आंदोलन व राज्य के सरकारी अस्पतालों की बदहाल सेवाओं के खिलाफ विधानसभा में राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे और इस संबंध में चर्चा करने की मांग करेंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस एवं वामो ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन विधानसभा के बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दोनों पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
श्री चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 19-30 मई तक अधिवेशन तो बुलाया है, लेकिन इसके लिए कोई तैयारी नहीं की गयी है. बिना तैयारी के अधिवेशन बुलाना जायज नहीं है. इस अधिवेशन के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोई महत्वपूर्ण विधेयक भी पेश नहीं किया जा रहा. वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि नगर निकाय चुनाव के दौरान हुई हिंसा का विरोध करते हुए सर्वदलीय बैठक का बायकॉट किया था, लेकिन भाजपा के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए थे. यह दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस व प्रदेश भाजपा के बीच सांठगांठ है.