गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने धावा बोला. घर के पीछे काठ के गोदाम में वह छिपा था. पुलिस ने उसे वहां से गिरफ्तार किया. संवाददाताओं से कर्ण ने बताया कि उसने जेल की रॉड को करात से काटा था. उसके एक दोस्त ने उसे करात दिया था. फिर यदि मौका मिलता है तो वह फिर भाग जायेगा. नहीं तो पुलिस उसका जीवन छीन लेगी. हालांकि पुलिस अब कोई जोखिम नहीं उठा रही.
उसकी सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गयी है. कमर में रस्सी बांध कर पांच-सात पुलिसकर्मी उसपर नजर रख कर जीप में बैठाकर उसे अदालत लाया गया. उसे फिर मेदिनीपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. वहीं से गत 26 अप्रैल को डकैती के एक मामले में उसे कांथी महकमा संशोधनागार लाया गया था. दो मई को अदालत में हाजिर करने से पहले ही जेल के दो नंबर सेल की रॉड काटकर वह चंपत हो गया था. उसके साथ दीघा के होटल में हत्या का आरोपी, हुगली के परसुड़ा का शेख नजीर अहमद भी था.