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स्कूल के खर्च का हिसाब गोल

शालीमार हिंदी हाइ स्कूल. जांच रिपोर्ट में अनियमितता का खुलासा स्कूल के हिसाब-किताब की हुई जांच तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट जे कुंदन हावड़ा : दक्षिण हावड़ा स्थित शालीमार हिंदी हाइ स्कूल के हिसाब किताब में अनियमितता की पुष्टि हुई है. पिछले दो वर्षों से स्कूल के किसी खर्च का हिसाब-किताब यहां नहीं […]

शालीमार हिंदी हाइ स्कूल. जांच रिपोर्ट में अनियमितता का खुलासा
स्कूल के हिसाब-किताब की हुई जांच
तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
जे कुंदन
हावड़ा : दक्षिण हावड़ा स्थित शालीमार हिंदी हाइ स्कूल के हिसाब किताब में अनियमितता की पुष्टि हुई है. पिछले दो वर्षों से स्कूल के किसी खर्च का हिसाब-किताब यहां नहीं था. इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित की गयी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है.
रिपोर्ट में हिसाब में अनियमितता की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट एडीएम को दिया गया है. हालांकि स्कूल के हेडमास्टर अबू इरफान ने इन आरोपों को गलत व बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने से ही कुछ साबित नहीं होता है. बहरहाल, पूरी घटना की लिखित जानकारी वेस्ट बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एडुकेशन के सचिव को भी दी गयी है.
क्या है घटना
शालीमार हिंदी हाइ स्कूल में पांचवी से दसवीं कक्षा तक करीब डेढ़ हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. हेडमास्टर अबू इरफान ने एक अगस्त, 2014 से स्कूल का दायित्व संभाला है. आरोप के मुताबिक उनके दो वर्षों के कार्यकाल में स्कूल के किसी भी खर्च का हिसाब नहीं है. स्कूल में कैश बुक तक नहीं है. मिड डे मील में कितने रुपये खर्च हो रहे हैं, इसका भी हिसाब नहीं है. पिछले दो वर्षों में एक बार भी ऑडिट नहीं की गयी है. छुट्टी रजिस्टर में भी अनियमितता का आरोप है.
हाजिरी के लिए स्कूल में बायो मैट्रिक मशीन लगायी गयी. आरोप है कि दूसरे दिन ही उसे खोल दिया गया. मैनेजिंग कमेटी के अध्यक्ष राम प्रकाश राय ने इस घटना की जानकारी शिक्षा विभाग को दी. डीएम ने तुरंत शिक्षा विभाग के तत्कालीन जिला स्कूल निरीक्षक तापस विश्वास को जांच के आदेश दिये. स्कूल निरीक्षक श्री विश्वास स्कूल पहुंचे. आठ फरवरी को जिला स्कूल निरीक्षक के आदेश पर बायो मैट्रिक मशीन लगायी गयी लेकिन दूसरे दिन यानि नौ फरवरी को ही उसे खोल दिया गया.
28 मार्च को घटना की जानकारी डीएम को दी गयी. डीएम ने जांच के आदेश दिये. तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी आैर कहा गया कि इस मामले की जांच एक एडीआइ रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में होगा. गीता जोरदार (एडीआइ), मनोरंजन बेरा (एआइ) व आशीष कुमार एटा (एआइ) ने जांच शुरू की. 26 अप्रैल को जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दिया.
आरोप लगाने से ही कोई दोषी नहीं हो जाता है. आरोप सही है या गलत, इसकी जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट मुझे अब तक नहीं मिली है. हमारे स्कूल में कर्मचारियों का अभाव है. यही कारण है कि हिसाब-किताब को संभाल कर रख पाना संभव नहीं हो पा रहा है. बावजूद इसके मैं पूरी तरह से प्रयासरत हूं. सारे खर्च का हिसाब मेरे पास है.
अबू इरफान, हेडमास्टर
जांच रिपोर्ट में अनियमितता का खुलासा हुआ है. हेडमास्टर के पास किसी भी खर्च का हिसाब नहीं है. शुरुआत में मैंने उनसे हिसाब का ब्यौरा मांगा, लेकिन वह नहीं दिये. मैंने इसकी शिकायत डीएम से लेकर बोर्ड के सचिव तक किया. मिड डे मील के लिए एक स्थानीय मोदीखाना की दुकान का फरजी बिल बनाया गया है.
-राम प्रकाश राय, अध्यक्ष, मैनेजिंग कमेटी.

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