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विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का दिया निर्देश

शिक्षकों की वेतन अदायगी मामले को लेकर सख्त हुआ कलकत्ता हाइकोर्ट कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बाल श्रमिकों को नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट स्कीम के तहत प्रशिक्षित करनेवाले शिक्षकों के वेतन अदायगी मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश देवांशु बसाक ने यह निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की उक्त […]

शिक्षकों की वेतन अदायगी मामले को लेकर सख्त हुआ कलकत्ता हाइकोर्ट

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बाल श्रमिकों को नेशनल चाइल्ड लेबर प्रोजेक्ट स्कीम के तहत प्रशिक्षित करनेवाले शिक्षकों के वेतन अदायगी मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश देवांशु बसाक ने यह निर्देश दिया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की उक्त योजना पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है. इसमें यूनेस्को के साथ मिलकर कार्य किया जाता है.

बीडीओ की सहायता से बाल श्रमिकों को चिह्नित करके उन्हें ट्रेनिंग सेंटर ले जाया जाता है, जहां उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद उन्हें मुख्यधारा के स्कूलों में भेज दिया जाता है. इन प्रशिक्षण केंद्रों के शिक्षकों को मासिक चार हजार रुपये और बच्चों को रोजाना 150 रुपये और भोजन मिलता है. जंगीपुर सब-डिवीजन के कुछ शिक्षकों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें पिछले तीन वर्षों से कोई वेतन नहीं मिल रहा. डीएम का कहना है कि केंद्र सरकार राज्य को रुपये नहीं दे रही. हालांकि केंद्र सरकार ने कहा है, उसने उक्त सब डिवीजन के लिए 2015 में 30 लाख रुपये दिये थे. इधर 2016 में श्रम आयुक्त ने शिक्षकों को तत्काल वेतन देने का निर्देश दिया था. बावजूद इसके उन्हें कोई वेतन नहीं मिला. हाइकोर्ट का कहना था कि प्राथमिक तौर पर लगता है कि शिक्षकों के लिए रुपये भेजे गये थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो रहा कि उक्त रुपये को कहीं किसी और परियोजना में तो नहीं लगा दिया गया. हाइकोर्ट ने एडीएम या उससे ऊपर के किसी अधिकारी से मामले की जांच कर 17 मई के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.

कोलकाता. कॉलेज स्तर पर सभी श्रेणी के शिक्षकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए राज्य के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस योजना शुरू की गयी है. स्वास्थ्य साथी योजना के नाम से शुरू की गयी इस योजना का लाभ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कॉन्ट्रेक्चुअल पूर्णकालिक शिक्षकों को दिया जायेगा. इसके अलावा सरकारी मान्यता प्राप्त अंशकालिक शिक्षकों, राज्य के सरकारी अनुदान प्राप्त विश्वविद्यालयों व सरकारी कॉलेजों के कैजुअल गैर-शिक्षक कर्मचारियों के लिए भी यह योजना शुरू की गयी है.

शिक्षा जगत से जुड़े राज्य के संस्थानों के कर्माचारियों को सम्पूर्ण स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने के लिए यह विशेष व्यवस्था की गयी है. स्कूल शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के जरिये सरकार कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को संरक्षण व आर्थिक राहत देना चाहती है, ताकि आपातकालीन स्थिति में कर्मचारियों का परिवार आर्थिक संकट में न पड़ जाये. इस योजना को शीघ्र लागू करने के लिए वित्तीय विभाग के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है.

सरकारी अनुदान प्राप्त सरकारी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के शिक्षकों को इस बीमा सुविधा का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत कर्मचारियों को बेसिक हेल्थ कवर के तहत प्रति वर्ष 1.5 लाख का बीमा लाभ मिलेगा. क्रिटिकल बीमारी जैसे कैंसर, न्यूरो सर्जरी, कॉर्डियोथोरेसिक सर्जरी, लीवर की बीमारी, ब्लड डिजऑर्डर आदि के उपचार के लिए 5 लाख रुपये तक का कवरेज मिलेगा. सभी योजनाओं का प्रीमियम राज्य सरकार वहन करेगी. राज्य के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग द्वारा बहुत शीघ्र इस योजना का क्रियान्वयन शुरू किया जायेगा.

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