आसनसोल. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा को बंगाल तथा देश की संस्कृति की जानकारी ही नहीं है. नवमी पर महिलाएं शांति के लिए सिन्दूर खेल खेलती है जबकि भाजपा हिंसा फैलाने के लिए नवमी मनाती है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर शस्त्रों के प्रदर्शन की अनुमति किसी को भी नहीं दी […]
आसनसोल. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा को बंगाल तथा देश की संस्कृति की जानकारी ही नहीं है. नवमी पर महिलाएं शांति के लिए सिन्दूर खेल खेलती है जबकि भाजपा हिंसा फैलाने के लिए नवमी मनाती है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर शस्त्रों के प्रदर्शन की अनुमति किसी को भी नहीं दी जायेगी तथा इस संबंध में कड़ी कार्रवाई की जायेगी. वे शुक्रवार को स्थानीय पुलिस लाइन मैदान में आयोजित जिला उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थी.
उन्होंने शंशाक शेट्ठी का परिचय नये जिलाध्यक्ष के रूप में कराया. मुख्यमंत्री सुश्री भनर्जी ने कहा कि वे झूठी बातें नहीं करतीं. हिंदू-मुसलमान का भेदभाव उन्हें नहीं आता. हिंदू होने के साथ ही वे ईद, बकरीद में रोजा रखती हैं, सिख पर्वो में गुरुद्वारे में मत्था टेकती हैं तथा गिरजाघरों की सामूहिक प्रार्थना में शामिल होती है. उन्होंने कहा कि बंगाल तथा देश की संस्कृति बहुसंस्कृति हैं. उन्हें अन्य धर्मो का सम्मान करने से कोई नहीं रोक सकता. वे सभी पर्वो में शामिल होती हैं तथा उनकी सरकार बुद्ध पूर्णिमा तथा छठ पूजा पर सरकारी छुट्टी भी देती है.
उन्होंने कहा कि बंगाल में दुर्गापूजा में शांति, सद्भाव व उल्लास के लिये मां-बहनें सिंदूर खेलती है. लेकिन भाजपायी लोगों को काटने के लिये तलवार का खेल खेल रहे हैं. हिंदू-मुसलमान की गंदी राजनीति हो रही है. लेकिन वे राज्य में किसी भी सूरत में दंगा नहीं होने देंगी. इस देश में विभिन्न संस्कृति व मूल के लोग रहते हैं तथा भाजपा को यह कोई अधिकार नहीं है कि वह तय करें कि कोई क्या खायेगा, कोई क्या पहनेगा या कोई कैसे रहेगा? वे चाहती है कि मंदिरों में घंटियां बजे, मसजिदों में अजान हो, गुरुद्वारा में गुरुग्रंथ साहिब का पाठ हो तथा चर्चो में प्रार्थना हो. उन्होंने कहा कि त्याग का नाम हिन्दू, इमान का नाम मुसलमान, प्यार का नाम क्रिश्चियन तथा बलिदान का नाम सिक्ख है. यही देश की खूबसूरती है. इसे बनाये रखने के लिये सभी को एकत्रित होकर काम करना होगा. मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी ने कहा कि राजनीति और धर्म अलग-अलग है. मांस का टुकड़ा धार्मिक स्थलों पर फेंकवा कर दंगा लगाना कुत्सित विचारधारा है.
राम की पूजा वह भी करती हैं. हिन्दू धर्म में सैकड़ों देवी देवताओं की पूजा अलग-अलग तरीके से होती है. लाखों देवी-देवता हैं. लेकिन उनके प्रतीक ‘ओउम’ को लेकर जुलूस में घूमने का अधिकार उन्हें किसने दिया है? यदि वे धार्मिक होते तो देवी-देवताओं की प्रतिमाएं लेकर बाहर नहीं निकलते तथा न शस्त्र प्रदर्शन कर समाज में विभाजन करते.
उन्होंने कहा कि बिना अनुमति शस्त्र लेकर घूमनेवालों पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. धर्म का सम्मान कीजिये. लेकिन धर्म के नाम पर लोगों को बांटना ठीक नहीं है.