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अब राज्यभर में हनुमान जयंती मनाने की तैयारी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘राम नवमी’ के समावेश के बाद रामभक्त ‘हनुमान’ का आविर्भाव हुआ है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के समर्थन से रामनवमी पालन के बाद अब अारएसएस व विश्व हिंदू परिषद की संस्थाएं 11 अप्रैल को पूरे जोर से हनुमान जयंती पालन की तैयारी शुरू […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘राम नवमी’ के समावेश के बाद रामभक्त ‘हनुमान’ का आविर्भाव हुआ है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के समर्थन से रामनवमी पालन के बाद अब अारएसएस व विश्व हिंदू परिषद की संस्थाएं 11 अप्रैल को पूरे जोर से हनुमान जयंती पालन की तैयारी शुरू कर दी है.
अनुव्रत मंडल ने करवायी ‘रामभक्त हनुमान’ की पूजा
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा व आरएसएस की रामनवमी के मुकाबले में पहले ही ‘राम भक्त हनुमान’ की पूजा की घोषणा कर चुकी है. बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के दबंग नेता अनुव्रत मंडल के नेतृत्व में रामनवमी के मुकाबले में ‘भक्त हनुमान’ की पूजा का आयोजन किया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर की सभा में साफ कर दिया था कि राम सिर्फ भाजपा के नहीं हैं. आसनसोल के मेयर जितेंद्र तिवारी व हावड़ा में खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला के नेतृत्व में रामनवमी का विशाल जुलूस निकाला गया था.
हनुमान जयंती पर धर्मसभा आयोजित करेगा वीएचपी
विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री सचिन सिन्हा ने कहा कि 11 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर धर्मतल्ला के रानी रासमणि रोड में धर्म सभा का आयोजन किया जायेगा. इस सभा में परिषद के संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रांत कार्यवह डॉ जिष्णु बसु के साथ-साथ बड़ी संख्या में साधु संत शामिल होंगे. पुलिस को इस सभा के आयोजन की सूचना दी गयी है. उन्होंने कहा कि इस सभा के अयोध्या में राममंदिर के निर्माण, बंगाल में गोहत्या बंद करने, अल्पसंख्यकों की तुष्टिकरण बंद करने आदि की मांग की जायेगी. यह पूछे जाने पर रामनवमी के बाद अब हनुमान को लेकर राजनीति शुरू हुई है. श्री सिन्हा ने कहा कि हनुमान रामभक्त और संकट मोचन है. तृणमूल कांग्रेस को भी ‘हनुमान’ की शरण में आना पड़ा है. तृणमूल कांग्रेस के नेता ‘रामभक्त हनुमान’ की पूजा कर रहे हैं.
तृणमूल के साथ वामपंथी भी श्री राम पूजा को होंगे बाध्य : आरएसएस
आरएसएस के प्रांत कार्यवह डॉ जिष्णु बसु ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि इस देश का विकास धर्म के माध्यम से ही हो सकता है. तृणमूल कांग्रेस द्वारा ‘रामभक्त हनुमान’ का शरण लेना आशानुकूल है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं है. रामकृष्ण परमहंस भी जब पंचवटी में श्रीराम की आराधना कर रहे थे, तो पहले हनुमान की शरण में गये थे. अभी तक केवल तृणमूल ने ही ‘रामभक्त हनुमान’ की पूजा शुरू की है. अगले वर्ष से माकपा, आरएसपी और फॉरवर्ड ब्लॉक भी रामनवमी की पूजा करना शुरू कर देंगे. केरल में उन लोगों ने ‘बाल गोकुलम’ की पूजा शुरू की थी. केरल के डीवाइएफआइ के कैडर भी ‘बाल गोकुलम’ की पूजा शुरू कर दिये हैं. माकपा पहले दुर्गापूजा से परहेज करती थी, लेकिन अब माकपा के कैडर भी दुर्गापूजा के आयोजन में खुलेआम दिखते हैं. इसी तरह से ‘श्रीराम’ और ‘रामभक्त हनुमान’ से दूरी बनाये रखने वाली तृणमूल कांग्रेस भी ‘रामनाम’ जपना और ‘रामभक्त हनुमान’ का पूजा करना शुरू कर दिया है.
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