चीते को देखकर चारों ओर भगदड़ मच गयी. लोग जान बचाकर अपने-अपने घरों में दुबक गये. इस घटना की जानकारी मयनागुड़ी थाना तथा वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गयी. सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस टीम मौके पर पहुंची है. मयनागुड़ी के ज्वाइंट बीडीओ अनिरूद्ध लाहिड़ी भी दोमोहानी गांव पहुंच गये हैं. चीते के आने की खबर आसपास के गांव में भी फैल गयी है. उसके बाद भारी संख्या में उन गांवों के लोग भी चीता को देखने दोमोहानी पहुंच गये. पुलिस को भीड़ को काबू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने घटना की जानकारी वन विभाग को भी दी. रामसायी तथा माल से वन प्राणी स्क्वायड के कर्मचारी चीते पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंचे. खबर लिखे जाने तक चीते को पकड़ पाना संभव नहीं हुआ था.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को माइकिंग करानी पड़ रही है. इस बीच, जिस आरपीएफ सेंटर पर चीते ने हमला बोला, यह एक ट्रेनिंग सेंटर है. यहां आरपीएफ जवानों को प्रशिक्षण दिया जाता है. इस सेंटर के प्रिंसिपल अनुपम चक्रवर्ती ने बताया है कि यहां फिलहाल आरपीएफ के 50 जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं. चीता ट्रेनिंग सेंटर के अंदर तक नहीं आ पाया. यदि वह अंदर आ जाता, तो कई जवान चीते के हमले के शिकार हो सकते थे. ट्रेनिंग सेंटर के बाहर मैदान से ही चीता गांव की ओर लौट गया. उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी.
इस बीच, मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस के साथ ही वन विभाग के कर्मचारी जाल, पिंजरा आदि लेकर मौके पर मौजूद हैं. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीता गांव में ही एक खेत में घुस गया है. वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि भारी भीड़ की वजह से चीते को पकड़ पाना संभव नहीं हो रहा है. पहले उसे विशेष बंदूक से गोली दागकर बेहोश किया जायेगा. अभी चीते के छिपे होने की सही लोकेशन की जानकारी नहीं हो पा रही है. वन विभाग के अधिकारियों ने भीड़ से चले जाने की अपील की है. पुलिस भी भीड़ को खदेड़ने में लगी हुई है.