वहीं अपने बचाव में होटल मालिक बीएस गुजराल ने खुद अपना पक्ष रखा. उसने कहा कि होटल में सुरक्षा की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी पार्क स्ट्रीट इलाके की एक निजी सुरक्षा एजेंसी को दी गयी थी. 28 मार्च को ही नये सिरे से होटल की सुरक्षा की पूरी जांच उस एजेंसी के कर्मियों ने की थी. इसके लिए उस कंपनी को मोटी रकम भी दी गयी थी, लेकिन अग्निकांड की घटना के बाद उन्हें क्यों पुलिस ने गिरफ्तार किया.
अगर कोई कार दुर्घटनाग्रस्त होती है तो चालक के बदले मालिक को गिरफ्तार करना, क्या यह सही तरीका है. वहीं मैनेजर गौतम मजुमदार ने भी अपना पक्ष रखते हुए अदालत में कहा कि वह दूसरे पब में काम करते हैं. इस होटल में कुछ समय के लिए अतिथि को रिसिव करने व उनका ख्याल रखने की ड्यूटी उनकी थी, लेकिन पुलिस की तरफ से उन्हें किचन व कैंटीन का इंचार्ज दिखाकर गिरफ्तार कर लिया गया. लिहाजा उन्हें भी पुलिस ने गलत तरीके से गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस की तरफ से कहा गया है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जायेगी, इसी कारण दोनों को पुलिस हिरासत में भेजा जाय. अदालत ने दोनों पक्ष की बातों को सुनने के बाद पुलिस को फटकार लगाते हुए उन्हें चार अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया.