कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में गुरुवार को इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया गया, जोकि सर्वसम्मति से पास हो गया. गुरुवार को कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी ने नगर निगम के मासिक अधिवेशन में यूनिट एरिया एसेसमेंट टैक्स, सेल्फ एसेसमेंट सिस्टम संबंधी प्रस्ताव पेश किया. अधिवेशन के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कोलकाता के मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है. एशियन डेवलपमेंट बैंक, केंद्र सरकार व राज्य सरकार को लेकर वर्ष 1999 में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था और इस समझौते में एडीबी ने कर प्रणाली का सरलीकरण करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन वाममोरचा कार्यकाल के दौरान इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया. वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सत्ता में आने के बाद इस प्रणाली को लागू करने के लिए तत्पर थी और आज इसे लागू करने का निर्णय लिया गया.
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में महानगर के लोग जो भी कर चुका रहे हैं, उससे 20 फीसदी अधिक या कम की दर से कर लागू किया जायेगा. नयी कर प्रणाली के लागू होने से संपत्ति कर का भुगतान करनेवाले लोगों को कुछ समस्याएं हो सकती हैं. इसके मद्देनजर निगम के विभिन्न बोरो में हेल्प डेस्क चालू किया जायेगा ताकि लोग नयी कर प्रणाली से संबंधित जानकारी ले सकें. प्रत्येक बोरो कार्यालय में राजस्व विभाग के मुख्य प्रबंधक के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया जायेगा, जो लोगों को इसके बारे में जानकारी देंगे. इसके साथ ही लोगों को नये टैक्स प्रणाल के संबंध में जानकारी देने के लिए लिफलेट भी छापे गये हैं, जिसे महानगर में वितरित किया जायेगा. मेयर ने बताया कि कर निर्धारित करने के लिए मल्टी फिकेशन फैक्टर लागू किया जायेगा. वहीं ऐसे घर जहां लोग नहीं रहते है, उसे किसी कारणवश खाली रखा जाता है उन घरों से नयी कर प्रणाली के तहत विशेष योजना की तर्ज पर कर वसूलने की योजना है. एेसे घर के लिए अलग से कर निर्धारित किया जायेगा. कोलकाता की संपत्ति कर व्यवस्था में परिवर्तन करने का निर्णय किया गया है. इसके तहत आम लोगों के स्वआकलन के आधार पर संपत्ति कर का निर्धारण किया जायेगा. यूनिट एरिया एसेसमेंट कर पद्धति पर आधारित इलाका के अनुसार, संपत्ति कर व्यवस्था एकअप्रैल, 2017 से लागू होगी. कर निर्धारण में सरलीकरण व पारदर्शिता के लिए पूरे कोलकाता को सात क्षेत्रों में विभाजित किया जायेगा.