जलपाईगुड़ी. शिशु तस्करी मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां अधिकारियों की जमकर क्लास ली. उन्होंने महिला व शिशु कल्याण विभाग के अधिकारियों से जलपाईगुड़ी में संचालित होम से संबंधित कई प्रकार की जानकारी मांगी. कुछ अधिकारी जवाब नहीं दे सके. उन्हें मुख्यमंत्री का कोपभाजन बनना पड़ा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा […]
जलपाईगुड़ी. शिशु तस्करी मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यहां अधिकारियों की जमकर क्लास ली. उन्होंने महिला व शिशु कल्याण विभाग के अधिकारियों से जलपाईगुड़ी में संचालित होम से संबंधित कई प्रकार की जानकारी मांगी. कुछ अधिकारी जवाब नहीं दे सके. उन्हें मुख्यमंत्री का कोपभाजन बनना पड़ा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी गलतियों की वजह से यहां शिशु तस्करी जैसी घटना हुई. सुश्री बनर्जी ने जलपाईगुड़ी जिले में संचालित सरकारी और गैर सरकारी अनाथालयों की पूरी जानकारी मांगी.
सीएम ने अधिकारियों से पूछा कि महिला एवं शिशु तस्करी जैसी घटनाओं पर महिला व शिशु कल्याण विभाग आखिर क्या कर रहा है? अब इस पूरे मामले को जिला अधिकारी एवं एसडीओ देखेंगे. मुख्यमंत्री ने शिशु तस्करी से संबंधित पूरी रिपोर्ट मांगी. पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइती ने मुख्यमंत्री को बताया कि सीआइडी इस मामले की जांच कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी हाल में ऐसी घटना बरदाश्त नहीं की जा सकती है. चाहे कोई भी क्यों न हो.
महिला तस्करी, शिशु तस्करी जैसी घटनाओं पर उन्होंने बीडीओ एवं थाना प्रभारियों को भी नजर रखने का निर्देश दिया. भारत-भूटान सीमा पर निगरानी बढ़ाने की हिदायत दी. महिला व शिशु कल्याण विभाग की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि सेन को जिले का दौरा करने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि शिशु तस्करी मामले को लेकर पिछले महीने यहां काफी खलबली मची थी. इस मामले में मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती और भाजपा नेता जूही चौधरी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दो सरकारी अधिकारी भी पकड़े गये हैं. सीआइडी मामले की जांच कर रही है.
और क्या कहा मुख्यमंत्री ने
राज्यवासी किसी तरह की सांप्रदायिक अफवाह पर ध्यान ना दें. बंगाल की जमीन पर दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है.
जलपाईगुड़ी जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा. फोर लेन सड़क बनेगी, जिससे कोलकाता जाने में काफी कम समय लगेगा.
जलपाईगुड़ी जिले में स्थित नर्सिंग होमों पर निगरानी के लिए जिला अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है. हरेक जिले में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी गयी है. एक वेबसाइट भी बनायी जा रही है, वहां भी शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.