कोलकाता : बंगाल प्रोविंशियल बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन (बीपीबीईए) ने अकाउंट में रुपये रखने के एवज में फीस लेने के बैंकों के कदम की तीखी निंदा की है आैर इसे जन बैंकिंग व्यवस्था पर आघात बताया है. एक विज्ञप्ति के द्वारा बैंकों के इस कदम की निंदा करते हुए बंगाल प्रोविंशियल बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन के सहायक सचिव रंजन पाल ने कहा कि नोटबंदी के कदम के बाद देश में विभिन्न बैंकों ने ग्राहकों पर सर्विस टैक्स लागू कर दिया है. इस कदम का मकसद शायद नोटबंदी से हुए नुकसान की भरपाई करना है. बीपीबीईए का मानना है कि बैंकों के इस कदम का आम ग्राहकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
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अकाउंट में रुपये रखने के एवज में फीस लेना जन बैंकिंग व्यवस्था पर आघात
कोलकाता : बंगाल प्रोविंशियल बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन (बीपीबीईए) ने अकाउंट में रुपये रखने के एवज में फीस लेने के बैंकों के कदम की तीखी निंदा की है आैर इसे जन बैंकिंग व्यवस्था पर आघात बताया है. एक विज्ञप्ति के द्वारा बैंकों के इस कदम की निंदा करते हुए बंगाल प्रोविंशियल बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन के सहायक […]
श्री पाल ने कहा कि बैंकाे का यह कदम न केवल जन-विरोधी है, बल्कि यह जन बैंकिंग व्यवस्था पर एक गहरा आघात है. उन्होंने कहा कि रुपये जमा करने व रुपये निकालने पर विभिन्न बैंकों द्वारा सर्विस चार्ज लिया जा रहे हैं और इसके साथ ही कई बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की व्यवस्था भी शुरू कर दी है. मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर बैंकों द्वारा जुर्माना लिया जा रहा है. यह सभी फैसले आम लोगों के हित के खिलाफ हैं. बैंकों के इस कदम का विरोध आरंभ हो गया है.
श्री पाल ने बताया कि हम लोगों ने बैंकों के इस जन-विरोधी कदम के खिलाफ और आम लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए देश भर में विरोध प्रदर्शन आरंभ कर दिया है. अभियान को सफल बनाने के लिए हम लोगों ने अपनी सभी यूनिटों से उनके बैकों द्वारा लिये जा रहे सर्विस चार्ज व मिनिमम बैलेंस संबंधी विज्ञप्ति उपलब्ध कराने का आह्वान किया है.
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