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लड़कियों की तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी कमेटी गठित : शशि पांजा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल, महिला आयोग के सॉल्टलेक स्थित कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का पालन किया गया. इस माैके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महिला, बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनायी हैं. […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल, महिला आयोग के सॉल्टलेक स्थित कार्यालय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का पालन किया गया. इस माैके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महिला, बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा ने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तीकरण के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनायी हैं. लड़कियों के सशक्तीकरण के लिए स्कूलों में कराटे के साथ कन्याश्री योजना शुरू की गयी है. कन्याश्री योजना में 38 लाख लड़कियों ने नामांकन किया है.
जब तक इन लड़कियों की शादी नहीं हो जाती है, वे इसका लाभ उठायेंगी. ग्रामीण स्तर पर बाल विवाह व लड़कियों की तस्करी रोकने के लिए बाल संरक्षण कमेटी व राज्य सलाहकार कमेटी नियुक्त की गयी है. इस कमेटी के गठन के बाद पिछड़े इलाकों में भी सचेतनता बढ़ी है. सरकार ने एमपावरमेंट ऑफ वीमेन नाम की एक नयी नीति 2012 में शुरू की थी, जिससे उनको आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा सके. पंचायत स्तर पर चुनाव में अधिक से अधिक महिलाओं की भागेदारी पर जोर दिया जा रहा है.
मालदा, बर्दवान या अन्य जिलों के पिछड़े इलाकों में लड़कियों की तस्करी रोकने के लिए विशेष निगरानी व निरीक्षण किया जा रहा है. इसके लिए विशेष टास्क फोर्स बनाया गया है. गांव व जिला स्तर पर बनीं कमेटियां पुलिस के सहयोग से सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. हमारे राज्य में अन्य राज्यों की तुलना में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार है.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुनंदा मुखर्जी ने कहा कि मीडिया के कारण आज महिलाओं में जागरूकता बढ़ी है. आज यहां कुछ साहसी महिलाओं को सम्मानित कर आयोग अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है. इस बार यूएनओ की थीम ‘बी बोल्ड फॉर चेंज’ है.
इसी थीम पर अपने ग्रामीण इलाकों में साहसिक काम करनेवाली कुछ बहादुर महिलाओं को यहां बुलाया गया. इन महिलाओं ने मार खाकर भी समाज की भलाई के लिए एक अलग मिसाल कायम किया. इन महिलाओं को देख कर अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी. यहां कई ऐसी छोटी लड़कियां भी हैं, जिन्होंने अपने इलाके में बाल-विवाह को रोकने के लिए स्थानीय लोगों की मार खायी, लेकिन अन्ततः जीत हासिल की.
इनको सम्मानित किया गया है. हम चाहते हैं कि नारी आगे बढ़े व दूसरों के लिए मिसाल बने. कार्यक्रम में हाइकोर्ट की एडवोकेट चंद्रेयी आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज में महिलाओं की स्थिति आैर खराब है. उन पर कई तरह के दबाव रहते हैं. तीन बार तलाक बोलकर महिलाओं को अपनी जिंदगी से आसानी से अलग कर दिया जाता है, यह बहुत वेदनादायी है. हालांकि आज इस तहके में भी शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है.
कई लड़कियां उच्च शिक्षा ले रही हैं, फिर भी अभी पिछड़े इलाकों में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है. इनके लिए कानून तो है लेकिन अमल नहीं होता है.
कार्यक्रम के अंत में मानव तस्करी के ऊपर शीला दत्त द्वारा निर्देशित फिल्म अनीकेता दिखायी गयी. यहां पुरस्कार पाने वाली महिलाओं ने कहा कि इनके साहस व हुनर को पहचाना व महिला कल्याण मंत्री ने भी उनके काम की सराहना की. उन्हें बहुत खुशी है. कार्यक्रम में महिलाओं के अलग-अलग मसले पर काम करने वाली कई गैर सरकारी संस्थाओं ने भाग लिया.
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