इस संबंध में भारतीय कार निर्माता कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में इस श्रेणी की कार व एसयूवी को मध्यम श्रेणी के लोगों को ध्यान में निर्माण किया जाता है. इसलिए कीमत पर भी ध्यान रखना जरूरी होता है. वाहनों में प्राथमिक रूप से सुरक्षा के सभी इंतजाम के सभी उपकरण लगाये जाते हैं, लेकिन लग्जरी कार व एसयूवी जैसी सुरक्षा व्यवस्था करने पर इनकी कीमत बढ़ जायेगी और फिर भारतीय बाजार में इसे बेच पाना संभव नहीं होगा.
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भारतीय पैसेंजर वाहनों में सुरक्षित नहीं हैं यात्री
कोलकाता. राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य मार्ग में सड़क दुर्घटना की संख्या लगातार बढ़ रही है और राजमार्गों पर होनेवाले सड़क दुर्घटनाओं मेें मृतकों की संख्या भी बढ़ी है. हालांकि राज्य सरकार इसे कम करने के लिए ट्रैफिक के नियमों में तो बदलाव कर रही है, लेकिन जिन पैसेंजर वाहनों में लोग सवारी करते हैं, वह […]
कोलकाता. राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य मार्ग में सड़क दुर्घटना की संख्या लगातार बढ़ रही है और राजमार्गों पर होनेवाले सड़क दुर्घटनाओं मेें मृतकों की संख्या भी बढ़ी है. हालांकि राज्य सरकार इसे कम करने के लिए ट्रैफिक के नियमों में तो बदलाव कर रही है, लेकिन जिन पैसेंजर वाहनों में लोग सवारी करते हैं, वह कितने सुरक्षित हैं और उनकी अधिकतम गति क्या होनी चाहिए, इस ओर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा. जानकारों का मानना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग व राज्य मार्गों पर वाहनों की गति काफी तेज होती है और ऐसे में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उस पर सवार लोगों के बचने की संभावना काफी कम होती है.
जानकारों ने पैसेजर वाहनों में सुरक्षा के इंतजाम पर सवाल उठाये हैं. भारत में बनी कार व एसयूवी सुरक्षा की दृष्टिकोण से कमजाेर हैं. किसी भी सड़क दुर्घटना में कोई कार व एसयूवी अनियंत्रित होकर पलटती है तो उस पर सवार यात्रियों के बचने की संभावना कम हो जाती है.
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