कोलकाता. पंचायत विभाग के बजट पर हो रही बहस में साबंग के विधायक डॉ मानस भुइयां को बोलने की अनुमति देने पर कांग्रेस के विधायकों ने जम कर विधानसभा कक्ष में हंगामा किया तथा विधानसभा अध्यक्ष से सवाल किया कि डॉ भुइयां का नाम वक्ताओं की सूची में नहीं है, तो फिर उन्हें क्यों बोलने की अनुमति दी गयी.
कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि डॉ भुइयां कांग्रेस छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में गये हैं. उनकी सदस्यता को खारिज करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास आवेदन दिया गया है. पार्टी ने उन्हें वक्ताओं की सूची में नहीं रखा था, तो फिर क्यों उन्हें बोलने की अनुमति दी गयी. बाद में डॉ भुइयां ने कहा कि वह साबंग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह पंचायत से लंबे समय से जुड़े रहे हैं.
उन्होंने अध्यक्ष से अपील की थी कि उन्हें भी वक्तव्य रखने की अनुमति दी जाये. विधानसभा में अध्यक्ष सर्वोच्च हैं. उनके निर्देश पर ही उन्होंने वक्तव्य रखा. उन्होंने कहा कि उन्होंने साबंग के जनप्रतिनिधि के रूप में वक्तव्य रखा. कांग्रेस ने देश को पंचायती राज व्यवस्था दी है, लेकिन बंगाल के कांग्रेस के नेताओं व विधायकों का पतन हो गया है. वे अध्यक्ष के फैसले पर सवाल उठाते हैं. बजट पर बहस का बहिष्कार करते हैं.
अध्यक्ष की ओर अंगुली उठाते हुए बात करते हैं. कांग्रेस की कभी यह संस्कृति नहीं रही है. यह पूछने पर कि उन्होंने किस पार्टी के विधायक के रूप में वक्तव्य रखा, कहा कि उन्होंने साबंग के विधायक के तौर पर वक्तव्य रखा. अध्यक्ष से पूछें कि वह किस पार्टी से हैं. संवाददाताओं से मुखातिब होते हुए कहा कि वे लोग रिसर्च करें कि वह किसी पार्टी में हैं. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार और पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि पंचायती व्यवस्था में आमूल परिवर्तन हुआ है . लेकिन केंद्र सरकार, बैंकों व डाकघरों द्वारा सहयोग नहीं मिलने के कारण इसमें परेशानी हो रही है.