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निजी अस्पताल पर लगाम लगा सुर्खियों में रहीं सीएम
विधानसभा समीक्षा : बड़े उद्योगों के साथ लघु और मध्यम उद्योगों पर राज्य सरकार का फोकस अजय विद्यार्थी कोलकाता : विधानसभा में निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने का मुद्दा छाया रहा. शुक्रवार को विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टेब्लिश्मेंट्स (रेजिस्ट्रेशन, रेग्युलेशन एंड ट्रांसपेरेंसी) बिल, 2017’ ध्वनिमत से पारित हुआ. इसके साथ ही […]
विधानसभा समीक्षा : बड़े उद्योगों के साथ लघु और मध्यम उद्योगों पर राज्य सरकार का फोकस
अजय विद्यार्थी
कोलकाता : विधानसभा में निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने का मुद्दा छाया रहा. शुक्रवार को विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टेब्लिश्मेंट्स (रेजिस्ट्रेशन, रेग्युलेशन एंड ट्रांसपेरेंसी) बिल, 2017’ ध्वनिमत से पारित हुआ. इसके साथ ही निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने का रास्ता साफ हो गया. एक दिसंबर से विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने का साथ ही स्वास्थ्य विधेयक पेश किये जाने का मुद्दा छाया हुआ था और पूरे सप्ताह स्वास्थ्य विधेयक कार्यवाही पर छाया रहा. अपोलो अस्पताल में रोगी संजय राय की मृत्यु की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा की थी कि तीन मार्च को ‘द वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टेब्लिश्मेंट्स (रेजिस्ट्रेशन, रेग्युलेशन एंड ट्रांसपेरेंसी) बिल, 2017’ विधेयक पेश किया जायेगा.
स्वास्थ्य विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री काफी मुखर दिखीं, वहीं विरोधी दल हाशिये पर नजर आये. हालांकि पिछले सप्ताह किसानों को आलू व प्याज की कीमत नहीं मिलने की मांग को विरोधी दलों ने विधानसभा में उठाया और इस मुद्दे पर कांग्रेस और वाम मोरचा के विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया. लेकिन इसके पूर्व सत्र के दौरान दो फरवरी को विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान के निलंबन के लेकर विधानसभा में चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया. हालांकि इसके पूर्व के सत्र में ही वाममोरचा के विधायकों ने कार्यवाही में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था, लेकिन इस सत्र में कांग्रेस के विधायकों ने भी कार्यवाही में हिस्सा लिया और विभागीय बजट पर हुई बहस में भाग लिया.
शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद ‘द वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टेब्लिश्मेंट्स (रेजिस्ट्रेशन, रेग्युलेशन एंड ट्रांसपेरेंसी) बिल, 2017’ विधानसभा में संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी ने पेश किया. विरोधी दल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक असित मित्रा ने विधानसभा में अपील की कि कोई भी विधायक निजी अस्पताल या नर्सिंग होम में इलाज नहीं करवायेगा.
कांग्रेस व वाममोरचा ने विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की मांग की थी, लेकिन विधानसभा में सबसे ज्यादा चर्चा विधेयक में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री के वक्तव्य को लेकर रही. मुख्यमंत्री ने इस विधेयक पर बोलते हुए न केवल निजी अस्पतालों में पारदर्शिता पर जोर दिया, बल्कि मनमानी बंद रखने की भी अपील की और ऐसा नहीं करने पर कानून कार्रवाई की भी बात कही. मुख्यमंत्री राज्य के निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम व अाम लोगों को यह संदेश देना चाहती थी. यह इससे ही समझा जा सकता है कि राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पेश करने जैसे महत्वपूर्ण मौकों को छोड़ विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण प्राय: नहीं होता है, लेकिन विधानसभा के अध्यक्ष के निर्देश पर स्वास्थ्य विधेयक पर मुख्यमंत्री के वक्तव्य का सीधा प्रसारण करने के लिए टीवी कैमरा टीम व फोटोग्राफरों को विधानसभा कक्ष में मीडिया के लिए आवंटित गैलरी में जाने की अनुमति दी गयी तथा प्राय: सभी टीवी माध्यमों मुख्यमंत्री के वक्तव्य का सीधा प्रसारण किया.
मुख्यमंत्री भी विधानसभा में वक्तव्य रखते हुए कभी-कभी आम लोगों को संबोधित करते नजर आयीं. हालांकि कांग्रेस विधायक दल के उपनेता नेपाल महतो ने यह सवाल भी उठाया था कि आखिर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य के समय ही कैमरा लाने की ही अनुमति ही क्यों दी. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया था.
स्वास्थ्य विधेयक पर वक्तव्य रखते हुए मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों के साथ-साथ अधिक डोनेशन व शुल्क लेने वाले निजी शिक्षण संस्थाओं पर लगाम लगाने, बिना परवाह किये हुए बाइक रेस करनेवाले और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की घोषणा कर दी. अब राज्य के लोगों की निगाहें मुख्यमंत्री के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह निजी शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ क्या कदम उठाती हैं. सत्र के दौरान एक और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. लघु व मध्यम उद्योग विभाग को उद्योग विभाग के साथ विलय करने का निर्णय किया गया और यह विभाग राज्य के वित्त व उद्योग मंत्री अमित मित्रा के अधीन आ गया. सरकार के इस फैसले से स्पष्ट है कि सरकार अब बड़े उद्योगों के साथ-साथ छोटे व मध्यम उद्योगों पर फोकस करना चाहती हैं, क्योंकि विकास के मामले में बड़े उद्योगों की तुलना में छोेटे व मध्यम उद्योग की ज्यादा भूमिका है.
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