वहीं 2020 में कोलकाता समेत कई नगरपालिकाआें के लिए मतदान होगा. इसे पहले शासक दल विकास को निचले स्तर तक पहुंचाना चाहता है. उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकार नगरपालिका व पंचायत स्तर के एक्जिक्यूटिव ऑफिसर की क्षमता बढ़ाने के लिए तत्पर है. इसके लिए विधानसभा के वर्तमान अधिवेशन में बिल लाया जा रहा है.
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नगरपालिकाआें व पंचायतों में होगा बदलाव, आयेगा नया बिल
कोलकाता: राज्य सरकार नगरपालिका व पंचायत स्तर के एक्सिक्यूटिव ऑफिसरों की क्षमता बढ़ाने जा रही है. इसके लिए सरकार विधानसभा के वर्तमान अधिवेशन में एक बिल पेश करेगी. बिल के कानून के रूप में परिवर्तित होने के बाद नगरपालिकाआें के मेयर व चेयरमैन के साथ परियोजनाआें को पूरा करने में एक्सिक्यूटिव ऑफिसरों को भी समान […]
कोलकाता: राज्य सरकार नगरपालिका व पंचायत स्तर के एक्सिक्यूटिव ऑफिसरों की क्षमता बढ़ाने जा रही है. इसके लिए सरकार विधानसभा के वर्तमान अधिवेशन में एक बिल पेश करेगी. बिल के कानून के रूप में परिवर्तित होने के बाद नगरपालिकाआें के मेयर व चेयरमैन के साथ परियोजनाआें को पूरा करने में एक्सिक्यूटिव ऑफिसरों को भी समान जिम्मेदारी मिल जायेगी. 2018 में पंचायत चुनाव होगा.
इसे वेस्ट बंगाल म्यूनिसिपल अमेंडमेंट बिल 2017 का नाम दिया गया है. बिल के कानून बन जाने के बाद स्थानीय प्रशासन के खर्च, नियुक्ति व परियोजना कर्यान्वयन जैसे महत्वपूर्ण विषय पर मेयर व चेयरमैन के साथ-साथ एक्सिक्यूटिव ऑफिसर की भी समान जिम्मेदारी रहेगी. स्थानीय प्रशासन में राज्य सरकार एक्सिक्यूटिव ऑफिसर की सीधे नियुक्ति करती है. राज्य का दावा है कि अधिकारियों की शक्ति बढ़ने से एक तरफ जहां प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं विकास कार्यों में भी गति आयेगी. वहीं, विपक्ष का आरोप है कि मेयर व चेयरमैन की शक्ति कम करने के लिए राज्य सरकार यह बिल ला रही है.
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