उसी क्रम में आज भारी संख्या में आरपीएफ जवानों की निगरानी में यह अभियान चलाया गया.सबसे पहले स्टेशन के निकट लगने वाले हाट से सभी दुकानों को तोड़कर हटाया गया.उसके अलाव एक दर्जन से अधिक घर को भी तोड़कर दिया गया.आरपीएफ जवानों की तैनाती इतनी भारी संख्या में की गयी थी कि कोइ इसका विरोध भी नहीं कर पाया.हांलाकि अवैध कब्जाकारी बगैर किसी नोटिस के ही कार्यवाइ करने का आरोप रेलवे पर लगा रहे हैं.
हांलाकि रेलवे का कहना है कि उनलोगों को पहले भी कइ बार नोटिस दी गयी थी,लेकिन किसी ने जमीन नहीं खाली की. बाध्य होकर रेलवे को बल प्रयोग करना पड़ा.रेलवे ने बताया है कि आने वाले दिनों में राधिकापुर के साथ ही कालियागंज इलाके में भी रेलवे अपनी जमीन खाली करायेगी. सभी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है और स्वयं जमीन खाली करने के लिए कहा गया है.इसबीच,रेलवे के इस अभियान से प्रभावित दुली महंत,देवाशीष चंद आदि का कहना है कि वहलोग काफी गरीब हैं. आखिर वह कहा जायेंगे.
रेलवे की जमीन पर ही सड़क पर बैठे रहेंगे.यहीं दुकान लगाकर वहलोग अपनी रोजी रोटी कमा रहे थे. इनलोगों ने रेलवे से विकल्प व्यवस्था करने की भी मांग की.दूसरी ओर डिवीजनल सीनियर सेक्शन इंजीनियर राम बिनोद मंडल ने कहा है कि 23 तारीख को जीएम यहां के दौरे पर आ रहे हैं. उससे पहले ही अवैध कब्जे को खत्म कर दिया गया है. रेलवे यहां कइ परियोजनाओं पर काम कर रही है. इसके लिए जमीन की जरूरू पड़ेगी.