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छात्रों की भरमार, शिक्षकों का अकाल

कोलकाता नगर निगम के स्कूलों‍ का हाल शिव कुमार राउत कोलकाता : शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं लागू कर रही हैं. लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण लक्ष्य साधने में मुश्किल आ रही है. कोलकाता नगर निगम द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों की दशा काफी दयनीय है. […]

कोलकाता नगर निगम के स्कूलों‍ का हाल
शिव कुमार राउत
कोलकाता : शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएं लागू कर रही हैं. लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण लक्ष्य साधने में मुश्किल आ रही है. कोलकाता नगर निगम द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों की दशा काफी दयनीय है. निगम स्कूलों में छात्र बड़ी संख्या में है, लेकिन शिक्षकों का अकाल पड़ा है. परिणामस्वरूप पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है.
बाल अधिकार के लिए काम करने वाली एनजीओ क्राइ चाइल्ड राइट्स एंड यू की ओर से अप्रैल- मई 2010 में किये गये एक सर्वे पर यकीन करें तो निगम के प्राइमरी स्कूलों में 26971 बच्चे पढ़ते हैं. लेकिन इन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी मात्र 472 शिक्षकों के कंधों पर है. ऐसी स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है. गत कई वर्षों से निगम के स्कूल शिक्षकों का अभाव झेल रहे हैं. निगम सूत्रो‍ं से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में भी निगम के स्कूलों की यही हालत है. छात्र तो हैं, पर पर्याप्त शिक्षक नहीं. इस कारण यहां के छात्र अन्य सरकारी या निजी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. छात्रों की संख्या के हिसाब से निगम के प्राइमरी स्कूलों के लिए और 1300 शिक्षकों की जरूरत है.
निगम के स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है. जल्द ही टेट के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इन दिनों छात्रों की संख्या भी कम हुई है. इन स्कूलों के विकास के लिए निगम पूरा प्रयास कर रहा है.
अभिजित मुखर्जी, मेयर परिषद सदस्य (कोलकाता नगर निगम)

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