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संयुक्त राष्ट्र के सत्र में हिस्सा लेगा केआइएसएस

कोलकाता. कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (केआइएसएस), भुवनेश्वर विश्व के उन 40 संस्थानों में शामिल हो गया है जिसे संयुक्त राष्ट्र के कमिशन फॉर सोशल डेवलपमेंट के 55वें सत्र में हिस्सा लेने का आमंत्रण मिला है. केआइएसएस इस सत्र में भारत का इकलौता प्रतिनिधि रहेगा. यह जानकारी इसके संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत ने दी. उन्होंने […]

कोलकाता. कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (केआइएसएस), भुवनेश्वर विश्व के उन 40 संस्थानों में शामिल हो गया है जिसे संयुक्त राष्ट्र के कमिशन फॉर सोशल डेवलपमेंट के 55वें सत्र में हिस्सा लेने का आमंत्रण मिला है. केआइएसएस इस सत्र में भारत का इकलौता प्रतिनिधि रहेगा. यह जानकारी इसके संस्थापक प्रोफेसर अच्युत सामंत ने दी. उन्होंने बताया कि शिक्षा के जरिये गरीबी उन्मूलन के संबंध में केआइएसएस के प्रतिनिधि गत एक फरवरी से शुरू हुए इस 10 दिवसीय सत्र में आगामी छह फरवरी को अपना वक्तव्य पेश करेंगे. उनका विषय ‘पॉवर्टी इरैडिकेशन थ्रू एजुकेशन विथ स्पेशल रेफरेंस टू इंडीजिनियस पिपुल’ रहेगा. उल्लेखनीय है कि केआइएसएस में 25 हजार से अधिक आदिवासी विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा, आवास व भोजन की सुविधा दी जाती है. केआइएसएस के विद्यार्थियों ने ओलंपिक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

केआइएसएस को विश्व की 500 श्रेष्ठ एनजीओ में शामिल किया गया है. उसका स्थान 223वां हैं. जल्द ही ओड़िशा के सभी जिलों में केआइएसएस की शाखा खोली जायेगी. इसके लिए औद्योगिक घरानों से बातचीत चल रही है. इनमें अदानी, मोतीलाल ओसवाल और इमामी ने अपनी सहमति पहले ही दे दी है. अन्य तीन औद्योगिक समूहों ने हामी भर दी है. उनसे औपचारिक करार होना बाकी है. इन सभी शाखाओं में विद्यार्थियों की संख्या करीब 1200 होगी. इसके अलावा देश के हर राज्य में कम से केआइएसएस की कम से कम एक शाखा शुरू करने की योजना है.

पश्चिम बंगाल से केआइआइटी (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी) में करीब 30 फीसदी विद्यार्थी दाखिला लेते हैं. इसके अलावा लॉ स्टूडेंट्स भी बड़ी तादाद में पहुंचते हैं. ओड़िशा के आदिवासी इलाकों में केआइएसएस शिक्षा के जरिये माओवाद पर अंकुश लगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. संस्था का उद्देश्य अगले एक दशक में निचले तबकों के करीब दो लाख बच्चों को शिक्षित और सशक्त बनाना है.

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