जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के फैसले पर स्थगन लगाते हुए यह कहा कि जब तक फैसला नहीं होता है, तब तक किसी भी मदरसा कमेटी के माध्यम से शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति नहीं होगी.
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मदरसा सर्विस कमिशन को फिर से बहाल करने की मांग
कोलकाता. बंगाल मदरसा एडुकेशन फोरम ने मदरसा सर्विस कमिशन को फिर से बहाल करने की मांग की है. फोरम ने कॉलेज स्क्वायर से रानी रासमणि रोड तक एक रैली निकाली आैर सरकार को ज्ञापन सौंप कर यह मांग की. 2013 में कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए मदरसा सर्विस कमिशन को अवैध […]
कोलकाता. बंगाल मदरसा एडुकेशन फोरम ने मदरसा सर्विस कमिशन को फिर से बहाल करने की मांग की है. फोरम ने कॉलेज स्क्वायर से रानी रासमणि रोड तक एक रैली निकाली आैर सरकार को ज्ञापन सौंप कर यह मांग की. 2013 में कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए मदरसा सर्विस कमिशन को अवैध बताया था. उसके बाद ही कमिशन को भंग कर दिया गया. इसका जिसका खमियाजा सरकारी सहायताप्राप्त 614 मदरसों को भुगतना पड़ा. इन मदरसों व यहां पढ़ने व काम करने वालों के हितों की रक्षा के लिए बंगाल मदरसा एडुकेशन फोरम का गठन हुआ. फोरम ने सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की.
फोरम का कहना है कि हमें इस कानूनी दिक्कतों से बचाया जाये आैर मदरसा सर्विस कमिशन के परीक्षा में उत्तीर्ण लोगों का इंटरव्यू लिया जाये.
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