बाकी के पैसे करेंट एकाउंट व सेविंग एकाउंट में हैं. बैंकों के पास पैसे हैं लेकिन लेनदारों की कमी है. हालात अगले वित्त वर्ष की जून की तिमाही से सुधर सकते हैं.
एनपीए( नॉन पर्फोर्मिंग ऐसेट) के संबंध में उनका कहना था कि बैंक उद्योग में यह 12.2 से 13 फीसदी तक है. उन्होंने स्वीकार किया कि वर्तमान में निजी बैंकों की टेक्नोलॉजी, पब्लिक सेक्टर के बैंकों से बेहतर है. लेकिन ऐसे हालात अधिक दिन तक नहीं रहेंगे. तकनीक में लगातार विकास हो रहा है. उनका बैंक इस वर्ष एमएसएमइ, रिटेल और कृषि ऋण पर जोर देगा. उन्होंने बताया कि मार्च तक यूनाइटेड बैंक की ओर से 57 शाखाएं खोली जायेंगी. इनमें 60 फीसदी शाखाएं पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत में होंगी. बैंक उद्योग की उम्मीदों के संबंध में उनका कहना था कि अपेक्षा की जा रही है कि डिपोजिट में 10 फीसदी और एडवांसेस में 6-8 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है.