हमें उस बात की सच्चाई को बाहर लाना होगा, जो हमने वीडियो में देखा. जो वीडियो में देखा, वह क्या था और क्यों था. इस सच्चाई को बाहर लाना बहुत जरूरी है. गौरतलब है कि गुरुवार को नारद मामले में फंसे तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय व मंत्री फिरहाद हकीम सहित अन्य आरोपियों की ओर से तृणमल सांसद कल्याण बनर्जी ने मामले की पैरवी की.
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नारद कांड को लेकर हाइकोर्ट का सवाल, स्वतंत्र एजेंसी से क्यों जांच नहीं कराना चाहती राज्य सरकार
कोलकाता. नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर वह इस मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से क्यों जांच नहीं कराना चाहती है. राज्य सरकार एक ओर कह रही है कि इस मामले की जांच वह खुद करेगी तो अगर स्वंतत्र जांच एजेंसी […]
कोलकाता. नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की न्यायाधीश निशिथा म्हात्रे ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर वह इस मामले की किसी स्वतंत्र एजेंसी से क्यों जांच नहीं कराना चाहती है. राज्य सरकार एक ओर कह रही है कि इस मामले की जांच वह खुद करेगी तो अगर स्वंतत्र जांच एजेंसी इसकी जांच करती है तो राज्य सरकार को अापत्ति क्यों है. इसमें गलत क्या है ?
न्यायाधीश ने कहा कि हो सकता है कि सैम्यूल गलत इंसान हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई इस प्रकार से रुपये लेगा. सैम्यूल के खिलाफ क्या करना चाहिए, इस समय यह सोचना जरूरी नहीं है.
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