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भागवत की सभा अटकी, सांसद मेला भी रुका
नोटबंदी के बाद से केंद्र और राज्य की ममता सरकार में तकरार बढ़ती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार हमले बोल रहे हैं. यहां तक कि बदजुबानी भी सामने आयी है. दूसरी तरफ टकराव का असर कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है. कोलकाता में आरएसएस के एक कार्यक्रम के […]
नोटबंदी के बाद से केंद्र और राज्य की ममता सरकार में तकरार बढ़ती जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तृणमूल कांग्रेस के नेता लगातार हमले बोल रहे हैं. यहां तक कि बदजुबानी भी सामने आयी है. दूसरी तरफ टकराव का असर कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है. कोलकाता में आरएसएस के एक कार्यक्रम के लिए संघ को अदालत जाना पड़ा है. कोर्ट ने पुलिस को 24 घंटे में फैसला लेने का निर्देश दिया है. उधर, आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने सांसद मेले के िलए अनुमति नहीं दी है. अब आयोजकों ने कलकत्ता हाइकोर्ट की खंडपीठ में पुनरीक्षण याचिका दायर की है. गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई होगी. 12 जनवरी से आसनसोल में केंद्र की उपलब्धियों से जनता को रूबरू कराने के लिए चार दिवसीय सांसद मेला प्रस्तावित है. लेकिन मेले के लिए अब तक इजाजत नहीं मिली है.
संघ की याचिका पर पुलिस को निर्देश
कोलकाता: हाइकोर्ट ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को 14 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रस्तावित सभा की अनुमति मांगने वाले आवेदन पर 24 घंटे में फैसला करने का निर्देश दिया है. आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत इस सभा को संबोधित करनेवाले हैं. आरएसएस के प्रचारक सार्दुल सिंह जैन ने संगठन की तरफ से दायर एक याचिका में दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने अब तक उनके आवेदन पर फैसला नहीं किया है जबकि 29 दिसंबर को ही उन्हें यह सौंप दिया गया था. याचिकाकर्ता ने कोलकाता पुलिस के अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की कि वह शहर के खिदिरपुर इलाके के भूकैलाश रोड पर 14 जनवरी को सभा करने की इजाजत दें. आरएसएस की ओर से पेश हुए वकील अनिंद्य मित्रा ने कहा कि 14 जनवरी को प्रस्तावित सभा के आवेदन पर फैसला नहीं करके कोलकाता पुलिस के अधिकारी अभिव्यक्ति की आजादी के लोगों के मौलिक अधिकार में दखल दे रहे हैं. अदालत ने अरजी को उपयुक्त तरीके से फिर करने को कहा है. न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह कानून के मुताबिक अरजी पर विचार करें और 24 घंटे के भीतर फैसला कर अदालत को बताएं. इस मामले में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (3) अतिरिक्त प्रभार (मुख्यालय) सुप्रतीम सरकार ने बताया कि कोर्ट ने मामले में 24 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट आवेदनकर्ता को देने का निर्देश दिया है. 24 घंटे में पुलिस अपनी स्थिति आवेदनकर्ता को सौंप देगी.
उधर, संघ की दक्षिण बंगाल इकाई के प्रभारी विद्युत मुखर्जी ने बताया कि सर संघचालक मोहन भागवत 14 जनवरी से आयोजित दो दिवसीय शिविर के दौरान एक रैली को संबोधित करेंगे. उन्होंने बताया कि भागवत 14 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. संघ प्रवक्ता जिश्नू बसु ने भी संघ की रैली की पुष्टि की. श्री मुखर्जी के मुताबिक भागवत जनवरी में शहर में कई सांगठनिक बैठकों में भी भाग ले सकते हैं. संघ प्रवक्ता ने कहा कि हमारे सरसंघचालक मोहन भागवत 14 जनवरी को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक रैली को संबोधित करेंगे और 15 जनवरी को उनकी वापसी होगी.
आसनसोल में सांसद मेले के लिए अनुमति नहीं मिली
आसनसोल. केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं तथा उपलब्धियों को केंद्र कर 12 जनवरी से स्थानीय लोको स्टेडियम में आयोजित होनेवाले चार दिवसीय सांसद मेले के आयोजन की अनुमति देने से बुधवार को आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने साफ इनकार कर दिया. इस निर्णय की जानकारी देते हुए मेयर जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि आयोजकों को किसी बड़े खुले मैदान में आयोजन करने का प्रस्ताव दिया गया है. इधर मेले की सह आयोजक संस्था ‘मी टू वी फाउंडेशन’ ने बुधवार को कलकत्ता हाइ कोर्ट में न्यायाधीश विश्वनाथ समादार की खंडपीठ में पुनरीक्षण याचिका दायर की. इसमें मंगलवार को न्यायाधीश हरीश टंडन के आदेश को चुनौती दी गयी है. इस आदेश में उन्होंने मेले के आयोजन की अनुमति देने का अधिकार मेयर को दिया गया था. खंडपीठ ने इस पर कोई निर्णय नहीं सुनाया. गुरुवार को नगर निगम का पक्ष सुनने के बाद कोई निर्णय जारी होगा.
पूरे घटनाक्रम के बाद मुख्य आयोजक स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रिय ने कहा कि यदि कोर्ट ने गुरुवार को मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी तो वे इस आयोजन को स्थगित कर देंगे.
हाइकोर्ट के न्यायाधीश हरीश टंडन के आदेश के आलोक में मेयर श्री तिवारी तथा नगर निगम की विस्तारित तकनीकी टीम ने सांसद मेला आयोजन स्थल स्थानीय लोको स्टेडियम का निरीक्षण किया. इसके बाद मेयर मेयर ने कहा कि सांसद मेला काफी भव्य आयोजित हो रहा है. स्थानीय सांसद स्वयं बड़े सेलीब्रेटी है. इनके साथ ही शान, मीका सिंह, अलका याज्ञनिक तथा अभिजीत जैसे बड़े सेलीब्रेटी का कार्यक्रम है. इनमें लाखों लोगों की भीड़ जमा होगी. स्टेडियम की क्षमता दस हजार की भी नहीं है. इस स्थिति में बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि आयोजकों को पोलो ग्राउंड जैसे खुले स्थान पर आयोजन करने का प्रस्ताव दिया गया है. यदि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो निगम प्रशासन के स्तर से भी हर सहायता दी जायेगी. उन्होंने कहा कि आयोजकों को अनुमति नहीं दिये जाने की आधिकारिक सूचना दे दी गयी है.
इधर मेला की सह आयोजक संस्था ‘मी टू वी फाउंडेशन’ ने बुधवार को हाइकोर्ट में न्यायाधीश हरीश टंडन के आदेश के खिलाफ न्यायाधीश विश्वनाथ समादार की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में पुनरीक्षण याचिका दायर की. उनके अधिवक्ता का कहना था कि न्यायाधीश ने मेला अनुमति का अधिकार मेयर को दिया है. इसे बदल कर इस मामले में कोर्ट ही मेला आयोजन की अनुमति दे. खंडपीठ ने इस याचिका को सुनवायी के लिए स्वीकार कर लिया. इस पर कोई आदेश जारी करने के बजाय खंडपीठ ने आसनसोल नगर निगम तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी किया तथा गुरुवार को अपना पक्ष रखने को कहा. दोनों की दलीलें सुनने के बाद ही कोई निर्णय हो पायेगा.
इस घटनाक्रम के बाद मुख्य आयोजक स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्यमंत्री श्री सुप्रिय आयोजन स्थल पर पहुंचे. उन्होंने नगर निगम के स्तर से अनुमति न दिये जाने को राजनीतिक कारण बताया. उन्होंने कहा कि यह आयोजन शहर सहित महकमा के निवासियों के हित में है. लेकिन राजनीतिक कारणों से जनता को लाभ नहीं देने दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह गलत परंपरा है. यह मामला हाइ कोर्ट में लंबित है. मेला की तैयारियां जारी रहेंगी. यदि कोर्ट ने मेले के बारे में स्पष्ट राय नहीं दी तो वे मेला स्थगित कर देंगे. बाद में इसका आयोजन वैकल्पिक स्थल पर किया जायेगा.
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