उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच कुल व्यापार वर्ष 2015 में 109 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. भले ही यह वर्ष 2000 के 19 बिलियन डॉलर से काफी अधिक हो, लेकिन वैश्विक परिपेक्ष्य में यह कम है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा दोनों देशों के बीच व्यापार को सालाना 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं. लेकिन 500 बिलियन डॉलर के व्यापार में पहुंचने के लिए भारत को अपना आर्थिक परिदृश्य और बदलना होगा. तब उसका व्यापार न केवल अमेरिका के साथ बल्कि सभी देशों के साथ बढ़ जायेगा. उन्होंने बताया कि बंगाल ग्लोबल समिट में कई अमेरिकी कंपनियां हिस्सा लेंगी. पूर्वी भारत में अधारभूत ढांचे को विकसित करने की जरूरत पर भी उन्होंने बल दिया. परिचर्चा में अमेरिकी कौंसुलेट जनरल के प्रिंसिपल कमर्शियल ऑफिसर जोनाथन वार्ड भी मौजूद थे. स्वागत भाषण एमसीसीआइ के अध्यक्ष हेमंत बांगड़ ने दिया.
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भारत संग रिश्तों में बदलाव नहीं : क्रेग
कोलकाता: अमेरिका के कौंसुल जनरल क्रेग हॉल ने स्पष्ट किया है कि ओबामा प्रशासन के चले जाने और अमेरिका में नयी सरकार के गठन के बाद भी भारत के साथ रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आयेगा. एससीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित परिचर्चा में क्रेग हॉल का कहना था कि अमेरिकी […]
कोलकाता: अमेरिका के कौंसुल जनरल क्रेग हॉल ने स्पष्ट किया है कि ओबामा प्रशासन के चले जाने और अमेरिका में नयी सरकार के गठन के बाद भी भारत के साथ रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आयेगा. एससीसी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित परिचर्चा में क्रेग हॉल का कहना था कि अमेरिकी सत्ता में हमेशा ही परिवर्तन होता आया है, लेकिन भारत के साथ रिश्ते हमेशा ही गर्मजोशी के रहे. अमेरिका में सत्ता बदलने पर भी भारत की संभावनाओं में तो कोई बदलाव नहीं हो रहा.
भारत और अमेरिका के रिश्ते हमेशा ही विकसित होते रहे हैं. भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को बदले जाने की अटकलों के संबंध में उनका कहना था कि अगर ऐसा होता है तो यह रूटीन परिवर्तन होगा. रिचर्ड वर्मा की नियुक्ति राजनीतिक थी, वह कैरियर एंबासैडर नहीं हैं.
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