कोलकाता/ नयी दिल्ली. सीबीआइ ने रोजवैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पॉल को पूछताछ के लिए तलब किया है. दोनों को 30 दिसंबर तक सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर में हाजिर होने को कहा गया है. गौरतलब है कि सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश […]
कोलकाता/ नयी दिल्ली. सीबीआइ ने रोजवैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के दो सांसदों सुदीप बंदोपाध्याय और तापस पॉल को पूछताछ के लिए तलब किया है. दोनों को 30 दिसंबर तक सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित सीबीआइ दफ्तर में हाजिर होने को कहा गया है. गौरतलब है कि सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में हुए चिटफंड घोटाले की जांच कर रही है.
मंगलवार को सीबीआइ ने तृणमूल सांसद सुदीप बनर्जी को तीसरी बार नोटिस जारी किया. इससे पहले सुदीप बनर्जी ने जांच एजेंसी के दो नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया. मंगलवार को श्री बनर्जी ने कहा कि फोन पर वह सीबीआइ के सवालों का सरलतापूर्वक जवाब नहीं दे सकते. वह नये वर्ष के जनवरी महीने के पहले सप्ताह में सीबीआइ दफ्तर जाकर जांच एजेंसी के सवालों का जवाब देंगे. मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के एक और सांसद तापस पाल को भी जांच एजेंसी की ओर से नोटिस भेजा गया.
सूत्रों के मुताबिक, रोजवैली घोटाले की जांच के दौरान कुछ कागजातों में सुदीप बंदोपाध्याय व तापस पाल का नाम सामने आया है. जांच एजेंसी इसी सिलसिले में दोनों नेताओं से पूछाताछ करना चाहती है. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि सुदीप बंदोपाध्याय ने पूर्व के दो नोटिसों का जवाब नहीं दिया है. तीसरे नोटिस का जवाब नहीं मिलता है तो जांच एजेंसी कड़े कदम उठा सकती है.
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने हाल में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी को डराने के लिए केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा था, ‘राजनीतिक प्रतिशोध के रास्ते पर चलकर आप ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को नोटबंदी का विरोध करने से नहीं रोक सकते. आप हमें डराने के लिए सीबीआइ और दूसरी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन आप सफल नहीं होंगे. सीबीआइ ने सात जनवरी को रोजवैली चिटफंड घोटाले में कंपनी के मालिक गौतम कुंडू और तीन अन्य को नामजद करते हुए विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था. कंपनी पर निवेशकों के 17000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है.
मैं जनवरी के पहले हफ्ते में पेश होऊंगा. मैं जाऊंगा, क्योंकि मैं जानना चाहता हूं कि मेरे खिलाफ असल में क्या आरोप लगाये गये हैं. मुझे लगता है कि फोन पर बात करने की बजाये आमने-सामने बैठना बेहतर होगा.
सुदीप बनर्जी, तृणमूल सांसद