कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहें कितनी बार नयी दिल्ली का दौरा कर लें या कोई भी धमकी दें. इसका केंद्र सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. काला धन को बचाने के लिए उनकी यह साजिश धरी की धरी रह जायेगी और दिल्ली से उन्हें काले मुंह के साथ लौटना होगा. ऐसा ही आरोप प्रदेश भाजपा […]
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चाहें कितनी बार नयी दिल्ली का दौरा कर लें या कोई भी धमकी दें. इसका केंद्र सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. काला धन को बचाने के लिए उनकी यह साजिश धरी की धरी रह जायेगी और दिल्ली से उन्हें काले मुंह के साथ लौटना होगा. ऐसा ही आरोप प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगाया है. गौरतलब है कि नोटबंदी के खिलाफ विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में हैं. मुख्यमंत्री के नयी दिल्ली दौरे पर हमला बोलते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री का साथ नहीं देगा, क्योंकि सभी लोग उन्हें पहचान गये हैं. नोटबंदी के खिलाफ मुख्यमंत्री का आंदोलन सिर्फ नाटक है. इसलिए सभी लोग उनसे दूरियां बनाने लगे हैं.
गौरतलब है कि नोटबंदी को लेकर कांग्रेस ने विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए नयी दिल्ली में बैठक बुलायी है. इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वहां पहुंची हैं. हालांकि, बैठक के पहले ही कई विपक्षी पार्टियों ने खुद को इससे अलग कर लिया है.
वहीं, राज्य के सहकारिता बैंकों में जमा रुपये के संबंध में श्री घोष ने कहा कि नोटबंदी के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता, विधायक व मंत्रियों ने अपना रुपया जमा कराया है. आयकर विभाग के अधिकारियों ने जिन तीन सहकारिता बैंकों पर छापेमारी की है, उसमें से एक सहकारिता बैंक के चेयरमैन तो तृणमूल कांग्रेस के विधायक ही हैं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित सहकारिता बैंकों में तृणमूल कांग्रेस विधायकों का रुपया जमा हुआ है और इसका सबूत भी उनके पास है.
सच्चाई तो यह है कि सारधा सहित अन्य चिटफंड कंपनियों के माध्यम से कमाये गये रुपये को तृणमूल कांग्रेस बचाना चाहती है, लेकिन मुख्यमंत्री कुछ भी कर लें, वह काला धन को बचा नहीं पायेंगी.
सीबीआइ के डर से जवाब नहीं दे रहे सुदीप : दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय काे आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सीबीआइ का डर सताने लगा है, इसलिए उन्होंने अपनी जुबान बंद कर ली है.
उन्हें डर है कि अगर सीबीआइ कार्यालय गये और फिर वहां से लौट नहीं पाये तो क्या होगा. गौरतलब है कि रोजवैली चिटफंड घोटाला मामले में सीबीआइ ने कई बार तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को नोटिस दे चुकी है, लेकिन सीबीआइ द्वारा नोटिस मिलने पर सुदीप बंद्योपाध्याय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही वह सीबीआइ कार्यालय ही पूछताछ के लिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि सोमवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद मिथुन चक्रवर्ती ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. इस संबंध में श्री घोष ने कहा कि वह समझ चुके हैं कि इस पार्टी में रहने पर उनकी बदनामी ही होगी. इसलिए तो उन्होंने चिटफंड कंपनियों से लिये गये रुपये को भी वापस कर दिया है. वह इस प्रकार की पार्टी से जुड़ कर नहीं रहना चाहते, जिसकी वजह से उनका नाम खराब हो. इसलिए उन्होंने सांसद पद छोड़ना ही बेहतर समझा.