कोलकाता: केंद्र सरकार की राष्ट्रीय रोजगार योजना के नाम से फरजी वेबसाइट बना कर बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर उनसे लाखों रुपये ठगने के आरोप में बऊबाजार थाने की पुलिस ने कंपनी के चार कथित अधिकारियों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम राजेश कुमार, शैलेश कुमार घोषाल, चंदन बनर्जी व सौम्य प्रतीम रॉय बताये गये हैं.
सभी को लेनिन सरणी स्थित निगम सेंटर नामक एक बिल्डिंग स्थित उनके दफ्तर से दबोचा गया. वे खुद को केंद्र सरकार के इस योजना का अधिकारी बताते थे. उनके पास से पुलिस को एक लाख 30 हजार रुपये मिले हैं. बुधवार को उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर अदालत ने सभी को पुलिस हिरासत में भेज दिया है. डीसी सेंट्रल डीपी सिंह ने बताया कि मुर्शिदाबाद के अली रेजा मंडल व अन्य कई बेरोजगार ठगे युवाओं ने बऊबाजार थाने में दो लाख से अधिक के ठगी की शिकायत दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को निगम सेंटर स्थित उनके दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया. इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
प्राथमिक पूछताछ में पता चला कि राष्ट्रीय रोजगार योजना नामक वेबसाइट का ये महानगर के विभिन्न जगहों पर विज्ञापन देते थे. इस योजना का दफ्तर लेनिन सरणी स्थित निगम सेंटर में बनाया गया था. नौकरी पाने के पहले 2350 रुपये डिमांड ड्राफ्ट मांगा जाता था, रुपये मिलते ही इस योजना के तहत नौकरी देने की गारंटी दी जाती थी. विज्ञापन देखकर इनके अकाउंट में बेरोजगार युवा नौकरी के लिए रुपये भेजा करते थे. रुपये मिल जाने के बाद ये उन युवकों से संपर्क करना बंद कर देते थे. जिसके बाद महानगर स्थित दफ्तर में इसकी खोज करने आने वालों को ये धमका कर घर भेज दिया करते थे.