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नोटबंदी के पहले भाजपा ने खरीदी जमीन

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के साथ-साथ विधानसभा में भी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा पर जमकर हमला बोला. नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा शासित केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने का आह्वान किया. सुश्री बनर्जी ने विधानसभा में संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के साथ-साथ विधानसभा में भी सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा पर जमकर हमला बोला. नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा शासित केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने का आह्वान किया. सुश्री बनर्जी ने विधानसभा में संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा नियम 169 के तहत हुई बहस में भाग लेते हुए कहा कि यह राजनीति का समय नहीं है. देश में अघोषित आपातकाल लगा दिया गया है.

सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर मोदी सरकार के तानाशाही रवैये का विरोध करना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी का फैसला भाजपा नेताओं को मालूम था. नोटबंदी के पहले प्रदेश भाजपा ने मेमारी, दमदम-बेलघरिया हाइवे, बारुइपुर सहित कई इलाकों में जमीन खरीदी है. उन्होंने कहा कि ये जमीन भाजपा अध्यक्ष और अशोक रोड स्थित भाजपा कार्यालय के नाम से खरीदी गयी है. भाजपा ने इतनी जमीन क्यों खरीदी. इतनी जमीन खरीदने के लिए पैसे कहा से लायें. ऐसा प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं होकर सामानांतर अर्थव्यवस्था चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जमीन खरीदने के मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या किसी अन्य न्यायाधीश से कारायी जाये. नोटबंदी एक साजिश है. जांच से इस साजिश का खुलासा होगा. यह एक बहुत बड़ा घोटाला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह काला धन के खिलाफ हैं. वह काला धन पर विश्वास नहीं करती हैं. वह काला भाजपा पर विश्वास नहीं करती हैं. वह चाहती है कि जिनके पास करोड़ों-करोड़ों रुपये का काला धन है, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिये गये नोटबंदी के निर्णय पर उन्हें भरोसा नहीं है. प्रधानमंत्री के फैसले के पीछे कोई योजना नहीं है. बिना किसी योजना के लिए गये फैसले से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो रही है. राजस्व अदायगी पूरी तरह थम गयी है. देश में अघोषित आपातकाल लगा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि वह काला धन व काला बाजार के खिलाफ हैं, लेकिन जिस प्रक्रिया से काला धन पर रोक लगायी जा रही है, वह तरीका सही नहीं है. यह समय नहीं है, जब विरोधी दल एक-दूसरे से झगड़ा करें. उन्हें मोदी सरकार के तानाशाही फैसले के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला असंवैधानिक और गरीबों के हित के खिलाफ है. देश के लोगों को अपने पैसे के लिए लंबी लाइन में लगनी पड़ रही है. एटीएम खाली हैं, लोगों को उनके ही पैसे नहीं मिल रहे हैं. रुपये निकालने में लोगों की जान चली जा रही हैं. उन्होंने कहा कि मोदी वास्तव में देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर विदेश भागने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके पहले संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. श्री चटर्जी ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से आम लोगों के आर्थिक अधिकार का हनन हुआ है. नोटबंदी से अभी तक 80 लोगों की मौत हुई है. जीडीपी की दर में गिरावट आयी है. देश में खाद्य संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. पूरे देश में आर्थिक संकट पैदा हुअा है. केंद्र सरकार तत्काल इस फैसले को वापस ले तथा इस फैसले को रद्द करे.

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