न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने एक सदस्यीय समिति न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस पी तालुकदार की समिति का कार्यकाल एक वर्ष बढ़ा दिया और पश्चिम बंगाल सरकार के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया कि इसके लिए अलग समिति की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस तरह के चिटफंड में धन बरामदगी के लिए राज्य सरकार के कानून में ऐसा ही प्रावधान है.
राज्य सरकार ने 23 दिसम्बर 2015 के उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया था, जिसके तहत न्यायालय ने एक सदस्यीय समिति का गठन किया था. पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि समिति का नोडल अधिकारी सुब्रत मित्रा को नियुक्त किया जाए.