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बैरकपुर में भी चीनी उत्पाद का बहिष्कार
कोलकाता : चीनी उत्पाद के बहिष्कार का प्रभाव पूरे बंगाल पर पड़ा है. कोलकाता के शहरी इलाकों में इसका स्पष्ट असर देखा जा रहा है. उत्तर 24 परगना के बैरकपुर, टीटागढ़ व खड़दह अंचलों में भी लोगों ने चीनी लाइटों के स्थान पर देशी दीये के साथ दिवाली मनाने का निर्णय लिया है, जिसकी वजह […]
कोलकाता : चीनी उत्पाद के बहिष्कार का प्रभाव पूरे बंगाल पर पड़ा है. कोलकाता के शहरी इलाकों में इसका स्पष्ट असर देखा जा रहा है. उत्तर 24 परगना के बैरकपुर, टीटागढ़ व खड़दह अंचलों में भी लोगों ने चीनी लाइटों के स्थान पर देशी दीये के साथ दिवाली मनाने का निर्णय लिया है, जिसकी वजह से यहां मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गयी है. इससे दीये बनानेवाले कारीगरों के चेहरे पर खुशी दिख रही है.
टीटागढ़ में मिट्टी के दीये बनानेवाले राजेंद्र राजभर बताते हैं कि पिछले साल दिवाली पर चीनी लाइटों की वजह से उनलोगों को काम के लाले पड़ गये थे. इस बार देशी दीयों की बाजार में मांग को वह पूरा नहीं कर पा रहे हैं. यही स्थिति हाजीनगर इलाके में भी है. यहां के लोग चीनी सामान की जगह देशी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, पटाखे और मिट्टी के दीये खरीदने पर जोर दे रहे हैं. प्रभात खबर ने ‘मेरा दीया देश के नाम’ की मुहिम शुरू की है, जिससे देशी उद्योग को बढ़ावा मिल सके. देशी उत्पाद को लेकर लोगों की जागरूकता की वजह सोशल मीडिया का प्रभाव भी है. इसके माध्यम से लोगों की जागरूकता बढ़ी है. लोग अपने देश के शहीदों को देशी दीये के माध्यम से श्रद्धांजलि देने का प्रयास कर रहे हैं. मिट्टी के दीये की मांग बढ़ने से इसे बनानेवालों के चेहरे खुशी से खिल चुके हैं.
मुसलिम कारीगर भी खुश
दक्षिण 24 परगना के महेशतला स्थित नुंगी इलाका पटाखा निर्माण में अलग पहचान रखता है. यहां की खासियत है कि इलाके के घर-घर में साल भर पटाखा बनाने का काम चलता है. इस काम से जुड़े अधिकतर लोग मुसलिम संप्रदाय के हैं. इस बार चीनी पटाखे के बहिष्कार का असर इन लोगों पर भी पड़ा है. पहले जहां ऑल बंगाल आतिशबाजी एसोसिएशन के माध्यम से ये लोग सरकार से अपना रुख नरम करने की मांग करते थे, वहीं इस बार चीनी माल के बहिष्कार से उनमें खुशी का माहौल है. यहां के व्यवसायी चीनी माल के बहिष्कार से काफी प्रसन्न हैं. उनका कहना है कि राज्य सरकार भी इसी तरह कुछ अन्य उपाय करे, ताकि इस इलाके के अन्य उद्योगों को भी कुछ लाभ मिले.
गौरतलब है कि इस इलाके के पास ही जिन्स व कपड़ा निर्माण का बहुत बड़ा क्षेत्र है. यहां से उत्तर भारत को उत्पादों की आपूर्ति की जाती है. इन व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस ओर भी कुछ ध्यान देने की अपील की है.
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