रंजीत के पिता उत्तम का दीघा में समुद्री तट के निकट गुब्बारे का व्यवसाय था, लेकिन वहां से हॉकरों को हटाये जाने के बाद से वह बेरोजगार हो गये. आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से वह जल्द अपने बेटे का इलाज कराने में समर्थ नहीं है. रंजीत के सहपाठियों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने रुपये एकत्रित करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने जेब खर्च से करीब साढ़े आठ सौ रुपये एकत्रित किये और कुछ रुपये चंदा मांग कर जुटाये. गुरुवार उन्होंने उक्त राशि रंजीत के परिजनों को सौंप दी.
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सातवीं कक्षा के बच्चों ने सिखायी मानवता
हल्दिया. आज सच्ची दोस्ती और मानवता जैसी बातें लोग भूलने लगे हैं. ऐसे समय में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अाग्निक, सुतीर्था, अंकित समेत अन्य विद्यार्थियों ने समाज को मानवता की सीख दी. उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने एक सहपाठी रंजीत के इलाज के लिए रकम जुटायी. दुर्गा पूजा घूमने के लिए मिले […]
हल्दिया. आज सच्ची दोस्ती और मानवता जैसी बातें लोग भूलने लगे हैं. ऐसे समय में सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अाग्निक, सुतीर्था, अंकित समेत अन्य विद्यार्थियों ने समाज को मानवता की सीख दी. उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रहे अपने एक सहपाठी रंजीत के इलाज के लिए रकम जुटायी. दुर्गा पूजा घूमने के लिए मिले जेब खर्च, अभिभावकों और शिक्षकों से चंदा एकत्रित कर उन्होंने रंजीत के इलाज के लिए रुपये जमा किये. दीघा के देवेन्द्रलाल शिक्षा सदन के छात्रों के इस कदम की सराहना पूरे इलाके के लोग कर रहे हैं.
रंजीत देवेन्द्रलाल शिक्षा सदन में सातवीं का छात्र है. फुटबाॅल टीम का वह सबसे बेहतरीन खिलाड़ी भी है. दीघा के सीमांतग्राम निवासी रंजीत को कई फुटबॉल मैच में पुरस्कार भी मिला है. 27 सितंबर को फुटबॉल मैच के अभ्यास के दौरान उसके दाहिने पैर में चोट लग गयी थी. जांच में पता चला कि उसके पैर की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ है.
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