दार्जिलिंग: 28 सितंबर के पहाड़ बंद को लेकर पहाड़ में राजनैतिक सरगर्मी शुरू हो गयी है. पहाड़ बंद होने से यहां पर्यटन क्षेत्र पर बुरा असर पड़ेगा. इस संदर्भ में दार्जिलिंग जिला हिल तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष राजेन मुखिया से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) ने बेमतलब का बंद बुलाने की घोषणा की है. इससे नुकसान के सिवाय किसी को कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सामने दुर्गा पूजा है और टूरिस्ट सीजन भी है. ऐसे बंद करना सही नहीं है. दार्जिलिंग जिला हिल तृणमूल कांग्रेस इसकी घोर निंदा करती है. श्री मुखिया ने कहा कि पार्टी बंद के विरोध में लोगों को जागरूक करने के लिए जन चेतना अभियान चलाने का निर्णय लिया है.
इधर, गोरामुमो के कन्वेनर एमजी सुब्बा से सम्पर्क करने पर उन्होंने भी मोरचा के पहाड़ बंद की निंदा की है. उन्होंने भी कहा कि बाजार में दशहरा का महौल शुरू हो चुका है. इसके साथ ही पूजा के मौके पर होने वाले टूरिज्म सीजन को लेकर पहाड़ पर होटल, गेस्ट हाउस, हॉलिडे होम्स आदि की बुकिंग चल रही है. ऐसे में बंद बुलाना ठीक नहीं है. इससे पर्यटन व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गोरामुमो बंद के पक्ष में नहीं है.
दूसरी ओर, गोजमुमो के केंद्रीय सह-सचिव विनय तामांग ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण नहीं दिया, तो 28 सितंबर को पहाड़ बंद निश्चित है. बंद के दौरान किन विषयों को बंद से अलग रखा जायेगा, इस संबंध में श्री तामांग ने कहा कि एम्बुलेंस, मेडिकल विभाग को बंद से अलग रखा जायेगा, लेकिन सवारी गाड़ी नहीं चलेगी.
मालूम हो कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालिम्पोंग दौरे के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि चार साल के अन्तराल में गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) को चार हजार करोड़ रुपये दिये गये हैं, लेकिन जीटीए द्वारा कोई काम नहीं किया जा रहा है. इस पर आपत्ति जताते हुए गोजमुमो प्रमुख विमल गुरूंग ने 27 सितंबर तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मुख्यमंत्री द्वारा इस संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने की स्थिति में गोजमुमो ने 28 सितंबर को पहाड़ बंद करने का एलान किया है.
इधर, गोजमुमो के पहाड़ बंद की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकस है. किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में प्रशासन ने निपटने की तैयारी कर ली है. पर्यटन की दृष्टि से दार्जिलिंग का काफी नाम है. यहां पर देश-विदेश से काफी संख्या में सैलानी घूमने के लिए आते है. ऐसे में पहाड़ बंद से किसी को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है.