प्रेसिडेंसी के विकास का अर्थ है कि पश्चिम बंगाल में उच्च शिक्षा का विकास. इसके लिए सरकार हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार है. यहां होनेवाले इंटरनेशनल डिबेट व लिटरेसी उत्सव में देश-विदेश के जाने-माने लेखक भाग लेंगे. बंगाल को उच्च शिक्षा के अगले केंद्र के रूप में प्रोजेक्ट करने की एक ठोस योजना बनायी जा रही है. इसमें प्रेसिडेंसी म्यूजियम बनाने की भी तैयारी है. कार्यक्रम में विद्वानों द्वारा प्रसारित प्रत्येक लेक्चर की रिकार्डिंग की जायेगी. प्रेसिडेंसी की पूरी यात्रा पर एक वृत्तचित्र तैयार किया जा रहा है, जिसे बाद में फिल्म के रूप में तैयार किया जायेगा. इसमें एल्युमनाई एसोसिएशन की बड़ी भूमिका रहेगी. समारोह में क्रिकेट मैच के अलावा डांस, ड्रामा, थीम सोंग व संस्मारक स्टैम्प जारी करने की भी योजना है.
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प्रेसिडेंसी के स्थापना दिवस पर होगा विशेष समारोह
कोलकाता : प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी की गिनती न केवल राज्य के, बल्कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में की जाती है. यह एक ऐतिहासिक संस्थान है. यूनिवर्सिटी की द्विशतवार्षिकी के उपलक्ष में एक विशेष समारोह की योजना बनायी जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने विशेष फंड स्वीकृत किया है. यह जानकारी यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने […]
कोलकाता : प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी की गिनती न केवल राज्य के, बल्कि देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में की जाती है. यह एक ऐतिहासिक संस्थान है. यूनिवर्सिटी की द्विशतवार्षिकी के उपलक्ष में एक विशेष समारोह की योजना बनायी जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने विशेष फंड स्वीकृत किया है.
यह जानकारी यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने दी है. बंगाल में प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा का एक उत्कृष्ट संस्थान है. इसको प्रमाणित करने के लिए जनवरी से लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. ग्लोबल एजुकेशन सम्मिट से समारोह की शुरुआत की जायेगी. इसमें पूरे विश्व के नेता, विद्वान व स्कॉलर भाग लेंगे, जो उच्च शिक्षा के भविष्य व विस्तार को लेकर अपने विचार व्यक्त करेंगे. इसमें सर आशुतोष घोष लेक्चर भी शामिल है. समारोह में तीन नोबेल पुरस्कार विजेता विद्वानों को खास तौर पर आमंत्रित किया गया है. प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस यानी 20 जनवरी से शुरू इस समारोह में साल भर कई आयोजन होंगे. इसमें 2017 के मध्य तक यूनिवर्सिटी के राजारहाट में बन रहे नये कैंपस का उदघाटन कार्यक्रम भी शामिल है.
इस विषय में यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ अनुराधा लोहिया ने बताया कि प्रेसिडेंसी में एस्ट्रोफिजिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, इनफोरमेटिक्स, बिग डाटा एनेलिसेस की पढ़ाई व अनुसंधान के लिए नये केंद्र खोले जाने की भी योजना है. इन विभागों का नया शैक्षणिक सत्र 2018-2019 में शुरू किया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने काफी फंड स्वीकृत किया है.
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