27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नाज है बेटे की शहादत पर, दूसरा बेटा भी सेना में जाये

।। कुंदन झा।। हावड़ा : बेशक दो वक्त की रोटी जुगाड़ना अब मुश्किल होगा. परेशानियां बढ़ेंगी, बावजूद इसके बेटे की शहादत पर पिता को नाज है. आतंकवादियों के हमले में अपने लाल को खो चुके पिता का हौसला चट्टान की तरह बुलंद है. आंखों में आंसू ही सही, लेकिन तमन्ना है कि छोटा बेटा भी […]

।। कुंदन झा।।

हावड़ा : बेशक दो वक्त की रोटी जुगाड़ना अब मुश्किल होगा. परेशानियां बढ़ेंगी, बावजूद इसके बेटे की शहादत पर पिता को नाज है. आतंकवादियों के हमले में अपने लाल को खो चुके पिता का हौसला चट्टान की तरह बुलंद है. आंखों में आंसू ही सही, लेकिन तमन्ना है कि छोटा बेटा भी सेना में जाये व 17 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले दुश्मनों से बदला ले आैर देश का नाम गौरव करे.
रविवार सुबह उत्तर कश्मीर में हुए आंतकवादी हमले में शहीद हुए 17 जवानों में एक शहीद गंगाधर दोलई हावड़ा के जेबीपुर का रहने वाला था. खबर मिलते ही छोटे से घर में सन्नाटा पसरा गया. ग्रामीणों की भीड़ घर के सामने जुट गयी. मां शिखा को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि पिछले महीने घर पर एक महीने छुट्टी बिता कर कश्मीर गया बेटा अब नहीं लौटेगा. ताबूत में बंद अब उसका शव आयेगा. दो साल पहले, वर्ष 2014 में गंगाधर सेना की नौकरी ज्वाइन की. बचपन से देश के लिए कुछ करने का जुनून उसमें था.
पहली पोस्टिंग दानापुर में हुई. वहां से बेंगलुरू, सिलीगुड़ी का सफर तय करने के बाद अगली पोस्टिंग देश के सबसे अधिक संवेदनशील जगह कश्मीर में हुई. पिछले अगस्त महीने में लंबी छुट्टी घर पर बिताने के बाद गंगाधर 15 अगस्त की शाम कश्मीर के लिए रवाना हो गया. कश्मीर में लगातार हो रहे हिंसक घटनाओ‍ से मां बहुत परेशान थी. फोन पर संपर्क नहीं हो पा रहा था. पांच दिन पहले गुरूवार को गंगाधार ने मां से फोन पर बात की व अपनी सलामती के बारे में बताया. बेटे व मां के बीच हुई ये बात आखिरी बार होगी, ये किसी को नहीं मालूम था.
रविवार शाम लगभग 5.48 मिनट पर कश्मीर से सेना के एक अधिकारी ने गंगाधर के घर फोन की. फोन भाई वरूण ने उठाया. सेना के अधिकारी ने कहा कि गंगाधर आतंकवादी हमले में शहीद हो गया है. यह सुनते ही पूरा परिवार दंग रह गया. रोने बिलखने की आवाज सुनकर पड़ोसी घर तक पहुंचे. गंगाधर के शहादत की खबर पूरे गांव में फैली.
खबर मिलते ही सिचाई मंत्री राजीव बनर्जी भी पहुंचे व माता-पिता को ढांढस बंधाया. पिता ओंकार दोलई ने बताया कि गंगाधर के वेतन के बदौलत इस घर में चुल्हा जलता था. अब तो वो भी मुश्किल हो गया, लेकिन फिर भी मैं अपने छोटे बेटे को सेना में ही भेजुंगा. पिता ने कहा कि आखिर कब तक हमारे देश के जवान शहीद होते रहेंगे आैर सरकार हम सबों को आश्वासन देते रहेगी. वक्त आ गया है कि सरकार ठोस कार्रवाई करे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें