छात्रों का कहना है कि डॉ अब्राहम जैसे शिक्षाविद् को कॉलेज में रहना चाहिए. एक अभियान चला कर उनको रोकने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन प्रशासन अपने फैसले पर अड़ा रहा. इस्तीफा वापस देने की मांग पर शिक्षकों ने भी अभियान चलाया था, लेकिन इसका नतीजा कुछ नहीं निकला. इस कारण शिक्षकों व छात्रों में काफी निराशा है. अब वे कॉलेज छोड़ कर चले जायेंगे. यही बात छात्रों व शिक्षकों को अखर रही है.
गाैरतलब है कि 17 जुलाई, 2015 को डॉ अब्राहम इस कॉलेज में नियुक्त किये गये थे. उनके कुशल व्यवहार व बेहतरीन शैक्षणिक नीतियों के कारण वे शिक्षा जगत में काफी लोकप्रिय हो गये थे. पिछले कुछ महीनों से प्रशासन की ओर से उन पर दबाव बनाया जा रहा था. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था. इसे बुधवार को गवर्निंग बॉडी ने स्वीकार कर लिया.