सांसद मुकुल राय जब पहुंचे, तब तक संवाददाता सम्मेलन खत्म हो चुका था, हालांकि उन्हाेंने अभिषेक बनर्जी से पूछा भी कि समय के पहले संवाददाताओं को क्यों संबाेधित किया गया. मुख्यमंत्री ने जब शाम 5.30 बजे का समय मुकर्रर किया था और पांच बजे ही इसे शुरू क्यों किया गया. यह पहला मौका नहीं है, जब सांसद मुकुल राय को बोलने का मौका नहीं दिया गया.
इससे पहले 26 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मौके पर भी मुकुल राय को भाषण देने का मौका नहीं दिया गया था. इस सभा के दौरान सुब्रत बक्शी, पार्थ चटर्जी, फिरहाद हकीम, अभिषेक बनर्जी व शुभेंदु अधिकारी ने भी भाषण दिये थे, लेकिन मुकुल राय को भाषण देने का मौका नहीं दिया गया. गौरतलब है कि सारधा कांड में नाम आने के बाद सांसद मुकुल राय ने पार्टी से दूरी बना ली थी, उस समय सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि जो लोग यह सोचते हैं कि कोई पार्टी से बढ़ कर है और उसके बिना पार्टी नहीं चल सकती, वह मूर्खों की दुनिया में रह रहे हैं. तब से ही मुकुल राय व अभिषेक बनर्जी के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था.