कोलकाता. अस्पतालों में आये दिन हो रहे हंगामे और एक सप्ताह के अंदर तीन सरकारी अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है. इस प्रकार की घटनाआें को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद तत्पर नजर आ रही हैं. नवान्न सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों […]
कोलकाता. अस्पतालों में आये दिन हो रहे हंगामे और एक सप्ताह के अंदर तीन सरकारी अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है. इस प्रकार की घटनाआें को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद तत्पर नजर आ रही हैं. नवान्न सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में यह निर्देश जारी किया है कि किसी भी सरकारी अस्पताल परिसर में किसी भी राजनीतिक दल के दफ्तर को बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को सभी सरकारी अस्पताल परिसर के अंदर से राजनीतिक दलों के दफ्तरों को फौरन हटाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री का मानना है कि राजनीतिक दलों के दफ्तर स्वास्थ्य परिसेवा को सटीक रूप से चलाने में बाधा उत्पन्न करते हैं. इसलिए इन्हें फौरन हटाना होगा.
सीएम ने किया एसएसकेएम का औचक दौरा कहा : संयम के साथ काम करें चिकित्सक
कोलकाता. जूनियर डॉक्टरों और मृतक के परिजनों के बीच हुए संघर्ष के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य के एक मात्र सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एसएसकेएम (पीजी) का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने चिकित्सा के लिए डॉक्टरों को संयम के ंसाथ काम करने का निर्देश दिया है. सीएम सुश्री बनर्जी मंगलवार दोपहर लगभग 12.25 बजे अस्पताल पहुंचीं. वह दोपहर 12.44 बजे तक अस्पताल में थीं. मुख्यमंत्री का काफिला अस्पताल के आपातकालीन द्वार से प्रवेश किया. सीएम के पीजी पहुंचने तक कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था. इसके बाद अस्पताल के एक सहायक अधीक्षक ने निदेशक व अन्य अधिकारियों को सूचना दी. खबर पाकर निदेशक प्रो डॉ मंजू बनर्जी, अस्पताल अधीक्षक डॉ के बोराल व नेफ्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष तथा अन्य विभाग के कुछ प्रधान चिकित्सक मौके पर पहुंचे. अस्पताल के निदेशक प्रो डॉ बनर्जी के मौके पर पहुंचते ही सीएम उन पर भड़क पड़ीं.
सोमवार की रात मरीज के परिजनों व अस्पातल के जूनियर डॉक्टरों के बीच संघर्ष की घटना को लेकर अस्पताल के निदेशक को फटकार लगायी. ममता बनर्जी ने निदेशक को निर्देश दिया कि वह चिकित्सकों को संयम रख कर कार्य करने की सलाह दें. डेंगू या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित मरीज हो, सभी के साथ अच्छे व्यवहार के साथ चिकित्सक पेश आयें. उन्होंने अधिकारियों को किसी मरीज के रिश्तेदारों से बातचीत के दौरान अधिक संवेदनशीलता बरतने का निर्देश दिया.
बता दें कि ममता बनर्जी स्वास्थ्य मंत्रालय का भी प्रभार देख रहीं है. इसलिए वह बार-बार एसएसकेएम का औचक दौरा कर वहां के हालात का जायजा लेती हैं. सोमवार को सीएम के विधानसभा क्षेत्र में रहनेवाले दो लोगों की मौत डेंगू की चपेट में आने से हुई है, हालांकि कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि दोनों की मौत किसी अज्ञात बुखार की वजह से हुई हैै. वहीं मरीज के परिजनों व चिकित्सकों के बीच हुए संघर्ष की घटना पर ममता ने मरीज की मौत के बाद अस्पताल में उत्पन्न स्थितियों से निबटने में अधिकारियों को सावधानी बरतने का निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों के रिश्तेदारों के साथ सावधानी बरतनी चाहिए और उनके साथ बात करने के दौरान चिकित्सकों को अधिक धैर्य बरतना चाहिए. मरीज की मौत को लेकर जूनियर डॉक्टरों और मरीज के रिश्तेदारों के बीच हुए संघर्ष के बाद अस्पताल के औचक निरीक्षण पर पहुंचीं ममता ने इस दौरान कहा कि आखिर एक प्रतिशत भी बुरा बर्ताव क्यों किया जाये. उन्हें स्थिति समझनी चाहिए और उसके अनुसार व्यवहार करना चाहिए.
यह मल्टी स्पेशियलिटी रेफरल अस्पताल मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में पडता है. इसलिए मुख्यमंत्री इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं और अस्पताल प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसी परिस्थितियां फिर से उत्पन्न नहीं हों.