कोलकाता. महानगर में डेंगू, मलेरिया के साथ-साथ एक अंजान बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. आये दिन महानगरवासी इस जानलेवा रोग की बलि चढ़ रहे हैं. एक बार फिर इस जानलेवा बुखार से दो बच्चों की मौत हुई है. मरनेवाले दोनों भाई हैं, जिनकी उम्र चार वर्ष है. दोनों कक्षा दो के छात्र थे. […]
कोलकाता. महानगर में डेंगू, मलेरिया के साथ-साथ एक अंजान बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. आये दिन महानगरवासी इस जानलेवा रोग की बलि चढ़ रहे हैं. एक बार फिर इस जानलेवा बुखार से दो बच्चों की मौत हुई है. मरनेवाले दोनों भाई हैं, जिनकी उम्र चार वर्ष है. दोनों कक्षा दो के छात्र थे.
अंजान बुखार से यह दोनों मौत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के पास हुई है. डेंगू की बलि चढ़े दोनों बच्चे वार्ड नंबर 73 के अंतर्गत हरीश मुखर्जी रोड और एसपी रोड मुखर्जी क्रासिंग के पास के रहनेवाले थे. मरनेवालों का नाम सज्जन साव व विवेक साव हैं. उनके डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण अंजान बुखार और रेसिपिरेटरी फेलियोर बताया गया है, पर मृत बच्चों के परिजनों का दावा है कि दोनों की मौत डेंगू से हुई है.
उधर निगम अधिकारियों का दावा है कि डेंगू की खबर उड़ा कर विपक्ष निगम के खिलाफ साजिश कर रहा है. अगर इन बच्चों की मौत डेंगू से हुई है तो वह सबूत में ब्लड रिपोर्ट दिखायें, सच सामने आ जायेगा, पर परिजन ब्लड रिपोर्ट पेश करने में असफल रहे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार तेज बुखार से ग्रस्त दोनों बच्चों को पहले एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, पर वहां हालत खराब होने पर पिछले दिन एक को एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गाय, जहां रविवार को ही उसकी मौत हो गयी. दूसरे बच्चे की मौत सोमवार सात बजे एसएसकेएम अस्पताल में हुई. मृतक के परिवारवाले एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ गफलत का आरोप लगाया है.
मुख्यमंत्री के घर के पास अंजान बुखार से हुई मौत की इस घटना से एक बार फिर कोलकाता नगर निगम के खिलाफ ऊंगली उठने लगी है. विपक्ष का आरोप है कि निगम डेंगू, मलेरिया व अंजान बुखार का मुकाबला करने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है.