उसने कई नामों से हावड़ा में कई बैंक में अकाउंट भी खोल रखे थे. उसके फरजी इमेल के झांसे में आकर 48 हजार 77 रुपये गंवाने के बाद उसके खिलाफ बांसद्रोनी के निवासी तरुण दे नामक व्यापारी ने शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में उसने बताया कि 5 अगस्त 2015 को उसे किसी मिजोरम की कंपनी से एक मेल आया. इसमें लिखा था कि मिजोरम से मान्यता प्राप्त कंपनी द्वारा दूध उत्पादन का टेंडर उसे मिल सकता है.
टेंडर मिलने पर 20 लाख रुपये से ज्यादा उसे एडवांस के तौर पर रुपये मिल जायेंगे लेकिन इस टेंडर को हासिल करने के लिए उन्हें टेंडर राशि के तौर पर बाली के घोषपाड़ा स्थित कमलेश सरकार के बैंक अकाउंट में 23 हजार 77 रुपये जमा कराने होंगे. इसके बाद बाली ब्रांच में कमलेश सरकार के एक अन्य बैंक अकाउंट में 25 हजार रुपये जमा कराने होंगे. इसके बाद उन्हें टेंडर मिलेगा लेकिन उनका आरोप है कि दोनों ही अकाउंट में रुपये जमा कराने के बावजूद उन्हें टेंडर नहीं मिला.
इसके बाद से इमेल भेजने वाले से संपर्क भी नहीं हो पा रहा था. संपर्क नहीं होने के बाद उसने 22 अगस्त को इसकी शिकायत लालबाजार के साइबर क्राइम थाने में दर्ज करायी. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और हुगली के सेवड़ापुली से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक इंटरनेट का डांगल व 16 सिमकार्ड मिले हैं. जांच में पता चला कि उसने इमेल भेजने के लिए जिस कागजात के जरिये इंटरनेट का कनेक्शन लिया था, वे कागजात भी नकली थे. इस जानकारी के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. शुक्रवार को उसे बैंकशाल कोर्ट में पेश करने पर उसे दो सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा दिया गया.